UPI New Rule :यूपीआई चलाने वाले को लेकर नया नियम लागू सभी नागरिक को जाना बेहद जरूरी 

Saroj kanwar
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UPI New Rule: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI ने भारत में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी है। आज लोग छोटी से छोटी खरीदारी के लिए भी UPI का उपयोग करने लगे हैं और बैंक जाना लगभग बंद कर दिया है। गूगल पे, फोन पे, पेटीएम जैसे एप्लीकेशन के माध्यम से 10 रुपए की चाय से लेकर हजारों रुपए के भुगतान तक सब कुछ UPI के जरिए हो रहा है। इस बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं जो सभी UPI उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करेंगे। यह बदलाव कुछ लोगों के लिए राहत का कारण बन सकता है तो कुछ के लिए नई चुनौतियां भी ला सकता है।

UPI लेनदेन में रिकॉर्ड वृद्धि

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार UPI के माध्यम से होने वाले लेनदेन में लगातार वृद्धि हो रही है। अगस्त 2024 में जहां दैनिक ट्रांजेक्शन की संख्या 50 करोड़ थी वहीं यह आंकड़ा अब 70 करोड़ तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले समय में यह संख्या 100 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। पिछले महीने UPI के जरिए लगभग 19.5 अरब ट्रांजेक्शन हुए जिनकी कुल राशि 25 लाख करोड़ रुपए से अधिक थी। भारत में अब लगभग 85 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन UPI के माध्यम से होते हैं। दुनियाभर में होने वाले कुल डिजिटल ट्रांजेक्शन का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा अकेले भारत के UPI से आता है।

दैनिक ट्रांजेक्शन में नए रिकॉर्ड

2 अगस्त 2025 को पहली बार UPI के माध्यम से दैनिक ट्रांजेक्शन की संख्या 70 करोड़ के पार पहुंच गई जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार जुलाई 2025 में UPI के माध्यम से दैनिक औसत 65 करोड़ ट्रांजेक्शन किए गए थे। इस वृद्धि का मुख्य कारण बिजली, पानी, गैस के बिल भुगतान, किराया, सैलरी ट्रांसफर जैसी सेवाओं का UPI प्लेटफॉर्म पर आना है। छोटे व्यापारी से लेकर बड़े रिटेल चेन तक सभी UPI को अपना रहे हैं। त्योहारी सीजन और ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ोतरी के कारण भी ट्रांजेक्शन की संख्या में तेजी आई है।

सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य

सरकार का लक्ष्य है कि UPI के जरिए दैनिक लेनदेन की संख्या 1 अरब यानी 100 करोड़ तक पहुंच जाए। वर्तमान रुझान को देखते हुए यह लक्ष्य अगले साल तक हासिल किया जा सकता है। यह भारत की तकनीकी नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है और देश को डिजिटल अर्थव्यवस्था में विश्व में अग्रणी स्थान दिलाने में मदद करता है। UPI की सफलता से प्रेरित होकर कई देश भारत से तकनीकी सहायता ले रहे हैं। फिनटेक कंपनियों के लिए यह एक बड़ा अवसर है और रोजगार सृजन में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार चाहती है कि नकद लेनदेन को न्यूनतम करके पूरी तरह से डिजिटल भुगतान पर निर्भर हो जाया जाए।

बैंकिंग कानून संशोधन अधिनियम 2025

1 अगस्त 2025 से बैंकिंग कानून संशोधन अधिनियम 2025 लागू हो गया है जिसका उद्देश्य बैंक प्रशासन को बेहतर बनाना है। इस नए कानून के तहत निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सरकारी बैंकों की लेखा परीक्षा प्रणाली में सुधार करना शामिल है। अब सभी सरकारी बैंकों को बिना किसी रोक-टोक के शेयर बाजार में निवेश करने और शैक्षणिक संस्थानों को राशि स्थानांतरित करने की मंजूरी दी गई है। यह कानून डिजिटल भुगतान सेवाओं को भी नियंत्रित करता है और UPI प्रदाताओं पर भी इसका प्रभाव होगा। नए नियमों के तहत बैंकों और पेमेंट प्लेटफॉर्म को अधिक जवाबदेही दिखानी होगी।

UPI सेवा प्रदाताओं के लिए नई गाइडलाइन

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने UPI सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इन नए नियमों के अनुसार यदि कोई बैंक या पेमेंट कंपनी निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। कंपनियों को ग्राहकों की जानकारी की सुरक्षा, फ्रॉड प्रिवेंशन, और तकनीकी सुरक्षा के मामले में अधिक सख्त मानदंडों का पालन करना होगा। UPI ऐप्स को अपनी सिस्टम अपटाइम बढ़ानी होगी और ट्रांजेक्शन फेलियर की दर को कम करना होगा। नियमित ऑडिट और रिपोर्टिंग भी अनिवार्य की गई है ताकि सिस्टम की विश्वसनीयता बनी रहे।

ग्राहकों पर नए नियमों का प्रभाव

नए नियमों के लागू होने से UPI उपयोगकर्ताओं को मिश्रित प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। सकारात्मक पहलू यह है कि बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के कारण फ्रॉड की घटनाओं में कमी आएगी और ट्रांजेक्शन अधिक सुरक्षित होंगे। तकनीकी सुधार के कारण ट्रांजेक्शन फेलियर कम होंगे और पैसा फंसने की समस्या कम हो सकती है। हालांकि कुछ ऐप्स में अतिरिक्त वेरिफिकेशन प्रक्रिया जुड़ सकती है जिससे ट्रांजेक्शन में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। कुछ छोटी पेमेंट कंपनियों के लिए नए नियमों का पालन करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ग्राहकों को अधिक जानकारी प्रदान करनी पड़ सकती है और KYC प्रक्रिया सख्त हो सकती है।

डिजिटल इंडिया मिशन में UPI की भूमिका

UPI की बढ़ती लोकप्रियता डिजिटल इंडिया मिशन की सफलता का प्रमाण है। यह न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण भारत में भी तेजी से अपनाया जा रहा है। छोटे किसान, दुकानदार, और मजदूर भी अब UPI का उपयोग कर रहे हैं जो वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दे रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ भी अब UPI के माध्यम से मिलने लगा है। इससे भ्रष्टाचार में कमी आई है और पारदर्शिता बढ़ी है। UPI ने कैश इकॉनमी को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आने वाले समय में ब्लॉकचेन तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी के साथ UPI का एकीकरण भी संभव है जो डिजिटल भुगतान को और भी उन्नत बनाएगा।

भविष्य की चुनौतियां और अवसर

UPI की बढ़ती लोकप्रियता के साथ कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। साइबर अपराध और फ्रॉड की घटनाएं बढ़ रही हैं जिन पर नियंत्रण आवश्यक है। नेटवर्क की गुणवत्ता और स्थिरता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या अभी भी है। डिजिटल साक्षरता की कमी कुछ वर्गों के लिए बाधा है। हालांकि अवसर भी अपार हैं क्योंकि UPI के जरिए माइक्रो फाइनेंसिंग, इंश्योरेंस, और निवेश सेवाओं का विस्तार हो सकता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर UPI का विस्तार भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ाने में मदद कर सकता है। फिनटेक इनोवेशन के लिए भारत एक हब बन सकता है जो रोजगार और आर्थिक विकास में योगदान देगा।

Disclaimer

यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। UPI और डिजिटल पेमेंट के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए कृपया NPCI की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें। डिजिटल लेनदेन करते समय हमेशा सावधानी बरतें और सुरक्षा मानकों का पालन करें।

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