डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है जिससे आम लोग डिजिटल धोखे का शिकार हो रहे है। इन बढ़ते खतरों को ध्यान में रखते भारतीय दूर संचार नियामक प्राधिकरण समय समय पर नए दिशा निर्देश जारी करता रहता है। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर को सुरक्षित बनाना उपभोक्ता को साइबर धोखा देने से बचाना है।
नियम हो रहे है शख्त
TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को सख्ती से निर्देश दिया है कि वे किसी भी ग्राहक को बिना वैध दस्तावेजों के सिम कार्ड जारी न करें। सिम कार्ड जारी करते समय पहचान और पत्ते से जुड़े जरूरी दस्तावेज लेना अब अनिवार्य दिया गया इसका उद्देश्य फर्जीवाड़े को रोकना और सिम कार्ड का उपयोग करने वालों पर नकेल कसना है।
एक आधार पर सीमित सिम कार्ड
ट्राई के नए दिशा निर्देशों के अनुसार ,किसी भी व्यक्ति के नाम पर अधिकतम 9 सिम कार्ड ही पंजीकृत किया जा सकते हैं। अगर किसी के पास 9 से ज्यादा सिम कार्ड पाए जाते हैं तो उन्हें दूर संचार अधिनियम 2020 की तहत दंडित किया जाएगा।
उल्लंघन पर भारी जुर्माना और सजा
अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसे 9 से अधिक से सिमकार्ड रखता है तो उसे पर ₹50000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है । बार-बार ऐसा करने पर जुर्मानाबढ़कर 2 लाख रूपये तक हो सकता है। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति सिम कार्ड का इस्तेमाल करके गैर-कानूनी गतिविधियों में करता हुआ पाया जाता है तो उसे जेल की सजा भी हो सकती है।
ग्राहकों के लिए जरुरु कदम
उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है अपने आधार कार्ड से जुड़े सिम कार्ड की संख्या की जांच कर ले यह सुनिश्चित करना जरूरी है आपका नंबर पंजीकृत सिम कार्ड कीकी संख्या सीमा में हो। इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों ने विशेष सेवाएं शुरू की हैं जिनकी मदद से ग्राहक आसानी से यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।