केंद्र सरकार देश में रोपवे के सहारे धार्मिक पर्यटन का सुगम बनाने के साथ ही शहरी परिवहन की समस्याओं को दूर करने की भी कोशिश कर रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि ,सरकार पर्वतमाला परियोजनाओं की संख्या 400 तक ले जाना चाहती है। अभी 200 परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिन पर एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाएंगे।
पर्वतमाला परियोजना राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम है
केंद्र सरकार ने राज्य की ओर से मिले रोपवे की प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप दिखाते हुए पीपीपी मॉडल के नियम शिथिल भी किये है। केंद्र सरकार इन प्रस्तावों पर 60% तक खर्च वहन करेगी। वही सामान्य रूप से एचएएम यानी हाइब्रिड एनुअटी मॉडल में यह राशि 40% होती है। पर्वतमाला परियोजना राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम है ,जो देश में बुनियादी ढांचे के विकास विकास की विस्तृत योजना का अहम् हिस्सा है।
इसी सिलसिले में मंगलवार को 1 दिन का रोपवे का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना भी है। गडकरी की सभी परियोजनाओं में मेक इन इंडिया की मुहर पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय का फोकस इन परियोजनाओं में घरेलू उद्योगों का प्रोत्साहन देना है। ताकि रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न हो।
गडकरी ने कहा कि ,पर्वतमाला परियोजना देश के लिए बहुत अहम है
गडकरी ने कहा कि ,पर्वतमाला परियोजना देश के लिए बहुत अहम है। इसके तहत योजनाओं की संख्या 400 पार कर सकती है। पिछले साल सरकार ने कहा था कि इस यूनिट 2500 रुपए परियोजनाएं पूरी करनी है जो कुल 1200 किलोमीटर की है। एनसीआर में धौला कुआं मानेसर खंड में भारी ट्रैफिक के कारण होने वाली सुविधाओं पर चिंता जताते हुए गडकरी ने कहा कि अगर इस स्थान पर एक पिलर पर चल सकने वाली सके बस या फिर डबल डेकर बस शुरू की जा सके तो न केवल ट्रैफिक में कमी आएगी बल्कि लोग समय पर अपने गंतव्य तक भी पहुंच सकेंगे।