खतरनाक गर्मी के बीच भी आपकी ड्राइविंग को करना एकदम कूल तो ये बाते रखे ध्यान में ,नहीं होगी गाड़ी खराब

Saroj kanwar
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पूरे भारत में गर्मी ने दस्तक दे दी है और देश के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान बढ़ना शुरू हो गया। जिस तरह हम गर्मियों के महीना में अपना स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए तैयारी करते हैं। ठीक उसी तरह हमारी कार को भी कुछ उपचार और बचाव की जरूरत होती है। उन जरूरी कामों के बारे में जान लेते हैं जिनकी मदद से आप भारी पूरी गर्मी में कुल ड्राइविंग कर सकते हैं।

AC की सर्विस

गर्मियों के दौरान सबसे ज्यादा काम करने वाले कॉम्पोनेंट्स में एयर कंडीशनिंग सिस्टम का नाम शामिल है। कार मलिक अक्सर अपने AC यूनिट के बारे में शिकायत करते हुए कहते हैं कि गर्मी के दौरान केबिन को ठंडा करने में बहुत समय लगता है। इस समस्या से बचने के लिए सुनिश्चित करेंगे। केबिन एयर फिल्टर साफ है। क्योंकि गंदे फिल्टर के परिणाम स्वरुप AC का प्रदर्शन खराब हो सकता है और केबिन के अंदर दुर्गंध भी आ सकती है।

फ्लूइड चेकअप

उच्च तापमान के रपिणामस्वरूप अक्सर इंजन ऑयल जल्दी जल जाता है और खासकर यदि तेल पुराना और खराब हो चुका है। इंजन ऑयल लेवल के नियमित रूप से जांच करना और पावर प्लांट को किसी भी नुकसान से बचने के लिए ओईएम द्वारा अनुशंसित उचित तेल जोड़ना महत्वपूर्ण है। क्योंकि इंजन ऑयल लुब्रिकेंट के रूप में कार्य करता है और मोटर के चलने वाले हिस्सों को घर्षण से बचाता है।

विंडशील्ड वाइपर की जांच

विंडशील्ड वाइपर बरसात के मौसम में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। गर्मियों के दौरान इन पर सीधी गर्मी पड़ती है जिसकी परिणाम स्वरुप बराबर छूट जाती है। इस वजह से वाइपर विंडशील्ड को साफ करने में पर काम प्रभावित हो जाते हैं। वहीं पर ब्लैड्स की टूट फूट की जांच करना सुनिश्चित करें और यदि आवश्यक हो तो उन्हें बदल दें।

बैटरी की जांच

कार की बैटरी को सर्वोत्तम स्थिति में रखने का सबसे अच्छा तरीका इसे साफ़ रखना बेहतर है । यह बैटरी केबलों को नियमित रूप से अलग करने और टर्मिनलों को पहुंचकर किया जा सकता है। इसके अलावा सुनिश्चित करें कि बैटरी सुरक्षित रूप से बंधी हुई है और सभी कनेक्शन ठीक से सुरक्षित है। यहां जांचना सुनिश्चित करें की बैट्री टर्मिनल जंग और गंदगी मुक्त है ।

टायर प्रेशर की चेकिंग

बाहरी तापमान के आधार पर टायरों में प्रतिदिन एयर प्रेशर घटता और बढ़ता रहता है। गर्म मौसम टायर के वायु दबाव को बढ़ाकर प्रभावित करता है जबकि कम फुलाये गए टायरों के परिणाम स्वरुप कार की फ्यूल एफिशिएंसी घट जाती है । इस समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से टायर प्रेशर चेक करते रहे।

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