दिल्ली की सड़कों और फुटपाथ पर जगह-जगह अतिक्रमण और उससे रोजाना जाम की समस्या से जूझते लोगों के राहत के लिए MCD ने पुख्ता प्लानिंग तैयार की है। भविष्य में पूरी दिल्ली में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया जाएगा। इस दौरान जो सामान जब्त किए जाएंगे ,उसके storej चार्जेज में एमसीडी में बदलाव किया गया है। अब गाड़ियों का स्टोरेज चार्ज उनके भार के अनुसार ,नहीं बल्कि गाड़ियों के प्रकार के अनुसार वसूल किया जाएगा। इस तरह सेकंड हैंड गाड़ियों को सेल को डिस्प्ले करने पर भी चार्ज वसूल किया जाएगा।
दिल्ली की तमाम सड़कों पर रहता है भारी ट्रैफिक
MCD अफसर के अनुसार , दिल्ली की तमाम सड़कों पर और फुटपाथ पर अतिक्रमण है जिसका रोड पर गाड़ियों को निकालने की जगह तक नहीं मिलती है । फुटपाथ लोगों को पैदल चलने के लिए बनाया गया है। लेकिन लोगों ने उस पर अतिक्रमण कर रखा है। सरकार फुटपाथों का अधिकार प्राप्त करने का प्लान भविष्य में है। वर्तमान में अतिक्रमण हटाने के दौरान की छत पर रखा जाता है उसका चार्ज गाड़ियों के भार के अनुसार वसूल किया जाता है। जैसे अगर किसी कार का वजन 5 क्विंटल तो स्टोरेज चार्ज ₹200 प्रति क्विंटल है तो प्रतिदिन चार्ज ₹1000 हो जाता है।
अगर वह गाड़ी 5 दिनों तक स्टोर में रहती थी तो स्टोरेज चार्ज ₹5000 हो जाता है ऐसे में चार्जेज युक्ति संगत किया गया है ताकि जनता के लोगों पर स्टोरेज चार्ज का भारत अधिक न पड़े। देखना पड़ेगा चार्जिंग गाड़ियों के प्रकार के अनुसार प्रतिदिन वसूला जाएगा।
क्या होंगे स्टोरचार्जेज
अफसरों का कहना है की दोपहिया, तिपहिया और ई-रिक्शा को अगर सड़कों से जब्त किया जाता है, प्रतिदिन उन्हें ₹500 देने होंगे। इस तरह कार जीप और वैन सड़को से जब्त की जाती है तो उनका स्टोरी चार्ज हजार रुपए प्रति दिन देना होगा। लाइट गुड्स विकल का स्टोरी चार्जेज ₹2000 प्रति दिन मीडिया पैसेंजर व्हीकल ,हैवी पैसेंजरविकल , मीडियम गुड्स स्टोरेज चार्जेज प्रतिदिन 4,000 रुपये तय किया गया है। मल्टी एक्सल ट्रेलर्स का प्रतिदिन स्टोरेज चार्जेज 8,000 रुपये तय किया गया है। मल्टी एक्सल ट्रेवल्स ट्रेलर्स का प्रतिदिन स्टोरी चार्ज ₹8000 तय किया गया है अफसरों के अनुसार MCD सेकेंड हैंड गाड़ियों के डिस्प्ले करने पर भी उन्हें जब्त कर सकती है। सेकेंड हैंड गाड़ियों के स्टोरेज चार्जेज 10 हजार रुपये तय किए गए हैं। इसके पहले MCD सिर्फ किसी शोरूम द्वारा सड़कों पर डिस्प्ले में लगी गाड़ियों पर ही स्टोरेज चार्जेज वसूल करती थी।