देश के भी राज्य में खरीफ फसल की बुवाई का काम करीब -करीब पूरा हो चुका है। इसे देखते हो क्या सरकार ने आगामी खरीफ से ज्यादा 2024 के दौरान धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएससी की खरीद पर तैयारियां शुरू कर दी है। इसके लिए केंद्र सरकार की और से धान खरीदने का लक्ष्य भी तय कर लिया गया । इस वर्ष सेंट्रल पूल यानी बंफर स्टॉक के लिए 485 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया जो चालू सीजन 2023 -24 से अधिक है चालु खरीफ सीजन 2023-24 में धान खरीदी का लक्ष्य 463 लाख मीट्रिक टन था। इस बार धान खरीदी का लक्ष्य बढ़ने से अधिककिसान एमएसपी पर अपनी धान की फसल भेज सकेंगे।इससे किसानों को लाभ होगा।
केंद्र सरकार की ओर से मोटे अनाज का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया
धान के अलावा केंद्र सरकार की ओर से मोटे अनाज का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया। मोटे अनाज की भी किसानों से खरीद की जाएगी। केंद्र सरकार ने खरीदविपणन सीजन 2024-25 में 19 लाख मीट्रिक में अधिकतर मोटे अनाजों की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जो पिछले विपणन वर्ष 2022-23 की दौरान खरीदी गई 6.60 लाख में मीट्रिक की तुलना में बहुत ज्यादा है। उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने राज्यों के खाद्य सचिवों के राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ खरीफ सीजन के खाद्यान्नों की खरीद पर चर्चा की है जिसे केंद्र सरकार की ओर से धान और मोटे अनाजों की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में और कृषि मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए
केंद्र की ओर से आगामी खरीफ विपणन सीजन केलिए खरीद व्यवस्था और लक्ष्य निर्धारित करने के लिए आयोजित इस बैठक के दौरान मौसम पूर्वानुमान ,उत्पादन अनुमान और खरीद संचालन के लिए तत्परता जैसे पहलुओं की समीक्षा की गई। फसल विविधीकरण और आहार पैटर्न में पोषण बढ़ाने के लिए मोटे अनाज की खरीद पर विशेष तौर से ध्यान देने की सलाह दी गई है। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में भारतीय खाद्य निगम भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में और कृषि मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए।
सरकार ने भी मोटे अनाज की रिकार्ड खरीद की योजना बनाई है
देश का सामान्य धान का सामान्य rakaba 401.55 लाख हैक्टेयर है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक ,23 अगस्त 2024 तक 394.28 लाख हेक्टर की में धान की रोपाई और बुवाई हुई जो पिछले साल की तुलना में इस अवधि में 16.25 लाख हैक्टेयर अधिक है। इस साल धान की बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं मोटे अनाजों की बुवाई की की जाए तो कृषि मंत्रालय के रास्ते को मोटे अनाज की वह 185.51 लाख हैक्टेयर में हुई है। यह पिछले साल की अवधि में 8.2 लाख हेक्टर से ज्यादा है। इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स से आई जागरूकता के कारण मोटे अनाजों की मांग बढ़ी है। इससे इसकी खेती की ओर किसानों को रूझान हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार ने भी मोटे अनाज की रिकार्ड खरीद की योजना बनाई है।