23 साल से ये संत कर रहे रामलला के मंदिर में विराजने का इन्तजार ,नहीं किया भरपेट भोजन और पहने ऐसे कपड़े

Saroj kanwar
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करपात्री महाराज ने 23 साल पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर एक संकल्प लिया था उनका संकल्प था कि जब तक प्रभु राम अपनी भव्य महल में नहीं विराजमान हो जाते तब तक सिले हुए कपड़े धारण नहीं करेंगे और दिन में केवल 18 कौर खाना ही ग्रहण करेंगे यानी कि एक टाइम भोजन ही ग्रहण करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर राम निर्माण को लेकर उनकी अनेकों साधु संतो ने अपने तरीके से संकल्प लिया था किसी ने बिना सिला हुआ वस्त्र ना धारण करने का संकल्प लिया था और किसी ने एक टाइम भोजन ग्रहण करने का संकल्प लिया था।

रानी केकयी ने तुरंत राजा से दशरथ से दो वचन मांगे थे

मंत्र के द्वारा उकसाने में आकर रानी केकयी ने तुरंत राजा से दशरथ से दो वचन मांगे थे। राजा दशरथ ने रानी के कई की पहले वचन के रूप में अपने पुत्र भरत के लिए राज सिंहासन का मांगा और दूसरे वचन में उन्होंने भगवान राम के लिए 14 वर्षों का वनवास मांगा था। कुछ ऐसे ही संकल्प और प्रतिज्ञा की कहानी अयोध्या की करपात्री महाराज की है।

करपात्री महाराज ने 23 साल पहले मंदिर निर्माण को लेकर एक संकल्प किया था

करपात्री महाराज ने 23 साल पहले मंदिर निर्माण को लेकर एक संकल्प किया था। उनका संकल्प था कि जब तक प्रभु राम अपने भव्य महल में नहीं विराजेंगे तब तक वह सिले हुए कपड़े नहीं पहनेंगे।करपात्री महाराज ने राम मंदिर के लिए एक दूसरा संकल्प भी लिया था इस संकल्प में उनका अनुसार दिन में केवल १८कौर ही ग्रहण करेंगे यानी कि एक समय ही भोजन ग्रहण करेंगे।

सिला हुआ वस्त्र भी धारण करेंगे

वक्त बदला त्रेता युग में जिस तरह शबरी ने प्रभु राम के आगमन की प्रतीक्षा की थी कुछ ऐसी ही प्रतीक्षा राम मंदिर के लिए अयोध्या के करपात्री महाराज ने की है। 22 जनवरी को प्रभु श्री राम विराजमान होने जा रहे हैं। प्रभु श्री राम की विराजमान होने के साथ ही करपात्री श्री महाराज पर पेट भोजन भी ग्रहण करेंगे और सिला हुआ वस्त्र भी धारण करेंगे और अपने संकल्प को पूरा होते हुए अपने आंखों से देखेंगे।

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