कॉफी के शौकीन बहुत से लोग हैं। इसके नए स्वाद के लिए पूरी दुनिया की यात्रा करते हैं। क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी कॉफी कौन सी है और इसे कैसे तैयार किया जाता है। इसके बारे में हम आज आपको बताएंगे । इस कॉपी का नाम है कोपी लुवाक है। इसका उत्पादन एशियाई देशों सहित दक्षिण भारत में किया जाता है।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह कोफ़ी बिल्ली के मल से तैयार की जाती है। इस कॉफी को सिवेट कॉफी भी कहते हैं क्योंकि यह सिवेट बिल्ली के मल से तैयार होती है। इस बिल्ली की पूंछ बंदर की तरह लंबी होती है। बिल्ली पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखना महत्वपूर्ण योगदान देती है। आप सोच रहे होंगे की बिल्ली के मल से कॉफी कैसे बनाई जाती होगी। यह सवाल हर किसी के मन में उठता है।
बिल्ली कीमल से कैसे बनती है कॉफी बीन्स
सिवेट बिल्लियां कॉफी बींस खाना पसंद करती है। वहकॉफी चेरी का आधा हिस्सा ही खा जाती है। चेरी को बिल्लियां पूरी नहीं पचा पाती क्योंकि उनकी आंतो में पाचक एंजाइम नहीं होते। पाचन ठीक नहीं से न होने के कारण खाया हुआ चीज बिल्ली के मल के रूप में बाहर आ जाता है। बिना पचे कॉफी बींस को मल से निकाल दिया जाता है और साफ कर लिया जाता है। बींस को धोकर पीस लिया जाता है और कॉफी तैयार हो जाती। हालांकि कॉफी को डायरेक्ट भी बनाई जाती है लेकिन जब यह कॉफी बिल्ली के आंत से गुजरती है तभी पाचन एंजाइमों के साथ मिलकर काफी को और बेहतर और अधिक पौष्टिकबनाती है।
क्यों आती है लोगों के कॉफी पसंद
नेशनल जियोग्राफी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि कॉफी बींस बिल्ली की आंत से गुजरने के बाद भी इसमें प्रोटीन की संरचना बदल जाती है। यह कॉफी एसिडिटी को भी दूर करती है। और इस कॉफी को आम लोग नहीं बल्कि अमेरिका की काफी कहते हैं कि कि इसकी कीमत प्रति किलोग्राम 20 से 25000 रुपए है। यह कॉफी भारत के कर्नाटक के कुर्ग जिले में उत्पादित की जाती है।
एशिया में सबसे अधिक कॉफी का उत्पादन इंडोनेशिया में होता है। इस देश में सिवेट प्रजाति को इस कॉफी उत्पादन प्रक्रिया के लिए पकड़ लिया जाता है। कॉफी बीन्स की प्रक्रिया का कॉफी बागवानों के आसपास होती है और आगंतुकों को साइट के दौर पर भी ले जाया जाता है। इंडोनेशिया का लक्ष्य केवल कॉफी उत्पादन बढ़ाना ही nhहै बल्किपर्यटन भीी बढ़ाना है।