अयोध्या में नव निर्मित मंदिर में लगने वाली रामलाल की मूर्ति फाइनल कर दी गई है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कि राम मंदिर की स्थापना के लिए मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई राम लला की मूर्ति को चुना गया है। इस मूर्ति को 18 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ पर गर्भ ग्रह में स्थापित किया जाएगा।
रामलला की प्रतिमा में 5 वर्षीय बालक का स्वरूप दिखाया गया है
प्राप्त जानकारी के मुताबिक ,रामलला की प्रतिमा में 5 वर्षीय बालक का स्वरूप दिखाया गया है। इसमें रामलला कमल के ऊपर बैठे हैं। यह पूरी प्रतिमा श्यामल वर्ण की है जिसमें रामलला के आभामंडल पर विष्णु के 10 अवतारों का विवरण दिया गया है। पंडित संपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या धाम में अपने नव्य भव्य मंदिर में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू हो जाएग। जबकि जिस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है उसे 18 जनवरी को गर्भ ग्रह में अपने आसन पर स्थापित किया जाएगा।
मंदिर 20 और 21 जनवरी को बंद रहेगा
चंपत राय ने कहा कि ,22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:20 पर श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंदिर 20 और 21 जनवरी को बंद रहेगा और लोग 23 जनवरी से फिर से भगवान के दर्शन कर सकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की जानकारी देते हुए राय ने बताया कार्यक्रम से जुड़ी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
प्राण प्रतिष्ठा पर दोपहर 12:20 पर प्रारंभ होगी
प्राण प्रतिष्ठा पर दोपहर 12:20 पर प्रारंभ होगी। प्राण प्रतिष्ठ का मुहूर्त वाराणसी के पुजारी श्रद्धेय गणेश्वर शास्त्री ने निर्धारित किया है। वही प्राण प्रतिशत प्रतिष्ठा से जुड़े कर्मकांड की संपूर्ण विधि वाराणसी के लक्ष्मीकांत दीक्षित द्वारा कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू होकर 21 जनवरी तक चलेगी। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम आवश्यक गतिविधियां आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि रामलला की मौजूदा मूर्ति जो 1950 से वहां है, को भी नए मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा।