इस बात में बिलकुल भी दोराय नहीं है। यह हिमाचल प्रदेश में ऐसी बहुत सारी ऑफबीट जगहे हैं जिनकी सुंदरता को देखने के लिए लोग बहुत दूर से आते हैं आएंगे। ऐसा वह भी क्यों ना यहां की हरी -भरी घाटियों से लेकर बर्फ से ढकी की पहाड़ियों तक लोगों को आकर्षित करती है। इतना ही नहीं यहां कुछ जगह दे इतनी खूबसूरत है कि देखने वाले की आंखें और मन वहां से निकलने को नहीं चाहेगा। लेकिन यहां की कियार घाट हिल स्टेशन की बात ही कुछ अलग है।
दरअसल कियारी घाटी हिमाचल प्रदेश में कालका शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा हिल स्टेशन जो हरे -भरे जंगल और खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है। दिल्ली /एनसीआर में रहने वालों के लिए जगह छुट्टी बताने का पसंदीदा स्थान है। यही तो वजह भी है की कियारी घाट आकर्षण और सुंदरता के कारण हर साल हजारों पर्यटक गया घूमने आते हैं। ऐसे में अगर आप भी कियारीघाट जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बताते हैं आप आज जाकर क्या-क्या कर सकते हैं।
द एप्पल कार्ड
अगर कियाराघाट आने के बाद एप्पल कार्ड नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा। ऐसा इसलिए क्योंकि यह जगह बहुत ही शानदार है। काफी साल पहले यह जगह डाक बंगला हुआ करती थी। लेकिन अभी से हिमाचल प्रदेश टूरिज्म में इकोनामी बार कम रेस्टोरेंट में तब्दील कर दिया है। यहां आकर आप टेस्टी फूड में स्नेक्स का आनंद ले सकते हैं। इस कैफेटेरिया की खास बात यह है कि यह देर रात तक अपने गेस्ट्स की सेवा में हाजिर रहता है। यहां आकर आप दोस्तों के साथ खूब मस्ती मजाक कर सकते हैं।
चूड़धार अभ्यारण
चूड़धार अभ्यारण हिमाचल प्रदेश के राज्य सिरमौर जिले में स्थित प्रसिद्ध वन्य जीव अभ्यारण है जो की 56 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस जगह की स्थापना 1985 में की गई थी। यहां आने के बाद आपको प्राकृतिक नजारे के साथ-साथ चूड़घार चिरघुल महाराज की प्रतिमा भी देखने को मिल जाएगी। इस जगह को चूड़ीचांदनी (बर्फ की चूड़ी) के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि यहां भगवान शिव शिरगुल महाराज के रूप में देवताओं को दर्शन देते हैं। शिरगुल महादेव को चौपाल और सिरमौर का देवता माना जाता है।
जटोली
जटोली सोलन राजगढ़ रोड पर स्थित एक छोटा लेकिन प्यारा गांव है जो विशाल शिव मंदिर के लिए जाना जाता है। इस जगह की सुंदरता इसे काफी खास बनाती है । यहां जटोली शिव का मंदिर है जिसकी ऊंचाई लगभग 111 फीट है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव आए थे और यहां कुछ समय के लिए रहे थे। बाद में 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के बाबा यहां आए जिनके मार्गदर्शन और दिशा निर्देश पर यह पर शिव मंदिर का निर्माण हुआ था।
करौल गुफा
करौल गुफा हिमाचल के सोलन जिले के करोल पहाड़ के टॉप पर स्थित है। यह हिमालय में स्थित सबसे लंबी और पुरानी और ऐसे भी गुफा है जो अपने अंदर आज भी बहुत से राज समेटे हुए है पर्यटकों को गुफा तक पहुंचने के लिए करौल चोटी के शिखर पर जाना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ही नहीं पांडवों ने भी इस गुफा में तपस्या की थी। इस गुफा को पांडवों की गुफा के नाम से जाना जाता है। गुफा के अंदर के शिवलिंग बने हुए हैं। ऐसे भी यह गुफा भगवान शिव से जुड़े रहने के अनेक रहस्यों को समेटे हुए हैं।