ये किसान केवल 4 महीने खेत किराए पर कर रहा है करोड़ो की कमाई ,यहां जाने उसकी खेती की तकनीक के बारे में

Saroj kanwar
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कृषि प्रधान देश भारत और भारत का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश। यहां बड़े क्षेत्रफल की खेती की जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के तहसील पुवायां जिसे ‘मिनी पंजाब’ कहते हैं । इसी मिनी पंजाब का एक प्रगतिशील किसान जिसके पास अपनी जमीन तो नहीं है लेकिन आज प्रदेश का सबसे बड़ा खरबूजा उत्पादक किसान है। किसान लीज पर जमीन को लेकर सैकड़ो एकड़ में खरबूज की खेती कर रहा है। पुवायां तहसील के छोटे से कस्बा गंगासरा का रहने वाला दीपक कुमार ने वर्ष 2005 में शाहजहांपुर के स्वामी शुकदेवानंद डिग्री कॉलेज से एमकॉम की पढ़ाई पूरी की । पढ़ाई के दौरान उनको खेती का बड़ा शौक था। लेकिन दीपक के पास खेत के नाम पर एक इंच भी जमीन नहीं थी।

किसानों से करीब 4 महीने के लिए खेत लीज पर लेकर खरबूजे की शुरुआत की

उसके बाद दीपक ने किसानों से करीब 4 महीने के लिए खेत लीज पर लेकर खरबूजे की शुरुआत की। दीपक पिछले 20 सालों से खरबूज की खेती कर रहे है। दीपक ने 10 एकड़ खरबूजे की शुरू की थी आज वह 356 एकड़ खेत लीज पर लेकर खेती कर प्रदेश के सबसे बड़ा खरबूजा उत्पादक किसान बन चुके हैं। दीपक ने बताया कि आलू की हार्वेस्टिंग के बाद उनसे उनके क्षेत्र में किसानों के खेत खाली हो जाते हैं जिसके बाद में किसानों से 25 से ₹30000 प्रति एकड़ के हिसाब से खेत लीज पर लेते हैं। किसान खेत तैयार कर उनको देते हैं जिससे वह खरबूज और तरबूज की खेती करते है।

थाइलैंड और ताइवान से अच्छी क्वालिटी के बीज मंगवाकर खेत में लगाते हैं

दीपक किसानों से करीब 4 महीने के लिए खेत लीज पर लेते हैं। दीपक ने बताया कि वह krib आधा दर्जन वैरायटी के खरबूजे अपने खेतों में उगाते हैं। थाइलैंड और ताइवान से अच्छी क्वालिटी के बीज मंगवाकर खेत में लगाते हैं जिससे उनको बंपर उत्पादन मिलता है। खास बात है कि खरबूजे भी स्वादिष्ट होते है। दीपक ने बताया कि वह जिन बीजों का इस्तेमाल करते हैं उनकी कीमत 30000 प्रति किलो से लेकर 95000 प्रति किलो तक रहती है।

खेतों से रोजाना करें 2500 से 3000 क्विंटल खरबूजे की हार्वेस्टिंग होती है

दीपक ने बताया कि उनके खेतों से रोजाना करें 2500 से 3000 क्विंटल खरबूजे की हार्वेस्टिंग होती है। उनके यहां का खरबूजा उत्तर प्रदेश के करीब 40 से 50 मंडियां ,उत्तराखंड के करीब 20 मंडी सहित बिहार के कई जिलों में सप्लाई होता है।व्यापारी फोन पर ही उनसे संपर्क करके मंगवा लेते हैं। दीपक ने बतया की उनका 150 से 200 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरबूजे के उपज मिलती है जिसमें उनको एक सीजन में करीब 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की आमदनी होती है। इतना ही नहीं दीपक करीब 400 से 500 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं जो उनके साथ खेत में खरबूजे की फसल की देखभाल करने के साथ-साथ हार्वेस्टिंग करने और खरबूजे की उपज को मंडियों में पहुंचाने का काम करते हैं।

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