अगर आपने भी अपनी बेटी के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया है तो यह जानकारी आपके लिए बेहद काम की है। 1 अक्टूबर से सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। नए नियम के मुताबिक, इस योजना का खाता सिर्फ बेटी के माता-पिता या उसके कानूनी अभिभावक ही खुलवा सकते हैं या उसका संचालन कर सकते हैं। यानी अब बेटी के दादा-दादी या अन्य रिश्तेदार इस खाते को नहीं चला पाएंगे।
सिर्फ बेटियों के कानूनी अभिभावक ही सुकन्या समृद्धि योजना की खाते का संचालन कर सकेंगे
सुकन्या समृद्धि खाता के लिए नए नियम के तहत एक अक्टूबर से सिर्फ बेटियों के कानूनी अभिभावक ही सुकन्या समृद्धि योजना की खाते का संचालन कर सकेंगे। नए नियम के मध्य में अगर किसी व्यक्ति की बेटी का समृद्धि खाता खुलवाया हैऔर वह उसका कानूनी अभिभावक नहीं है तो उसे यह SSY खाता बेटी के कानूनी अभिभावक या माता-पिता को ट्रांसफर करना होगा। ऐसा नहीं करने पर खाता बंद हो सकता है।
सुकन्या समृद्धि खाते की शुरुआत पीएम मोदी ने साल 2015 में की थी
सुकन्या समृद्धि खाते की शुरुआत पीएम मोदी ने साल 2015 में की थी। पीएम मोदी ने बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस योजना का शुरू करने का फैसला किया था ताकि माता-पिता को कम उम्र में ही अपनी बेटियों के लिए बचत शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। सुकन्या समृद्धि योजना एक लॉन्ग स्कीम हैऔर यह आपकी बेटी के भविष्य के लिए निवेश करने का एक अच्छा विकल्प है।
सिर्फ 250 रुपये से खुलवा सकते हैं SSY खाता
सरकार इस SSY योजना में आठ फीसदी से ज्यादा ब्याज (सुकन्या समृद्धि योजना ब्याज दर 2024) देती है। यह खाता बेटी के जन्म के समय या 10 साल की उम्र तक खुलवाया जा सकता है।
वहीं, एक बेटी के नाम पर सिर्फ एक ही सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया जा सकता है। इस SSY योजना में हर साल कम से कम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
Sukanya Samriddhi account खाते के ये नियम बदले
बेटी के 18 साल के होने तक इस SSY खाते को उसके माता-पिता ही मैनेज कर सकते हैं। यानी अभिभावक ही इसमें जमा, निकासी या कोई अन्य बदलाव कर सकते हैं। बेटी के 18 साल की होते ही यह खाता उसके नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद वह खुद इस सुकन्या समृद्धि खाता का प्रबंधन कर सकती है।