पौधे का नाम है सत्यानाश लेकिन कहीं भी घास की तरह उगने वाला ये पौधा है कैंसर जैसी बिमारी के घातक

Saroj kanwar
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जिस तरह इस पौधे का नाम है उससे कोई अंदाजा लगा सकता है की पौध काफी घटिया है प्लांट है। मजे की बात यह कि यह पौधा यूं ही कहीं उग जाता है। यत्र -तत्र घास की तरह। ऊसर भूमि में भी आराम से खिल जाता है। हम में से अधिकांश ने पौधों को कहीं ना कहीं जरूर देखा होगा। लेकिन विज्ञान की मने तो अपने नाम से बिल्कुल अलग है यह घास। इसका नाम सत्यानाश है। इसका नामभड़भाड़, सत्यानाशी या घमोई भी है।

इसको बोटनिकल नाम अर्जीमोन मैक्सीकाना है

इसको बोटनिकल नाम अर्जीमोन मैक्सीकाना है। भारत में यह कहीं भी उग जाता है। इसी स्वर्णक्षीरी भी कहा जाता है। क्योंकि इस पौधे कहीं से भी तोड़ने पर उसमें से स्वर्ण या पीतवर्ण जैसा दूध निकलता है। अमेरिकन सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफॉरमेशन के मुताबिक, सत्यानाशी प्लांट इंसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। इस के फायदों के बारे में बताते हैं।

एनसीबीए के मुताबिक ,सत्यानाशी प्लांट से सैकड़ो तरह के फायदे होते हैं। अध्ययन में जब सत्यानाशी पौधे में मौजूद कंपाउंड का अध्ययन किया गया तो इसमें कई तरह के गुण पाए जाते है । सत्यानाशी पौधे में एंटी डायबिटिक ,एंटी एचआईवी ,घाव ठीक करने वाला ज्वरनाशक ,एंटी फर्टिलिटी, एंटी फंगल ,एंटी इंसेक्ट और यहां तक की एंटी कैंसर गुण भी मौजूद होते हैं।

सत्यानाशी प्लांट से निकल गए कंपाउंड को जब स्किन में इंजेक्ट किया जाता है

अध्ययन में पाया कि सत्यानाशी प्लांट से निकल गए कंपाउंड को जब स्किन में इंजेक्ट किया जाता है तो स्किन में हर तरह के फंगस बारे में बैक्टीरिया और वायरस का अंत हो गया। इस प्रकार सत्यानाशी प्लांट से बनी दवा स्किन संबंधी बीमारियों को खत्म कर उसमें निखार लाती है। अध्ययन में यह भी पाया गया सत्यानाशी प्लांट की पत्तियों में एंटी कैंसर गुण है।

होम्योपैथी अध्ययन में दावा किया कि सत्यानाशी के पत्ते से प्राप्त कंपाउंड को जब लंग्स कैंसर वाले सेल्स में इंजेक्ट किया गया तो कुछ दिनों के बाद कैंसर सेल साइटोटॉक्सिक प्रभाव खत्म करने लगे यह लंग्स कैंसर , ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर के अनुसार के सेल्स पर ज्यादा प्रभावित रहा।

एचआईवी एड्स में कारगर है। अध्ययन में भी पाया गया कि सत्यानाशी पौधे में एचआईवी एड्स को कम करने की क्षमता है। आयुर्वेद में सत्यानाशी प्लांट से एचआईवी का इलाज किया जाता है। इसके साथ सत्यानाशी प्लांट से घाव को भरने में भी इस्तेमाल किया जाता है ये बुखार में भी कारगर है और सूजन को भी खत्म करता है या कई तरह के दर्द को भी काम करता है।

सत्यानाशी प्लांट का खुद इस्तेमाल नहीं कर सकते है

हालाँकि इतना फायदा होने के बावजूद आप सत्यानाशी प्लांट का खुद इस्तेमाल नहीं कर सकते है। इसके लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। एलोपेथी में सत्यानाशी प्लांट से कंपाउंड निकालकर इस दवा तैयार की जाती है। लेकिन इसमें उसे कंपाउंड का नाम भी रहेगा ना कि सत्यानाशी का पौधा। आम इंसान खुद सत्यानाशी प्लांट से गुड केमिकल नहीं निकल सकता है।

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