अयोध्या में राम मंदिर की गर्भ ग्रह में विराजमान रामलला की प्रतिमा की पूरी झलक सामने आई है। वर्षों के इंतजार के बाद राम लला भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। 22 जनवरी को भगवान राम श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम है। पहली बार भगवान राम की मूर्ति की पूरी झलक सामने आई है। इस मूर्ति को गर्भ ग्रह में रखा गया है।
ये मूर्ति मैसूर की मूर्तिकार अरुण योगी राज ने बनाई है
प्रभु श्री राम की ये मूर्ति मैसूर की मूर्तिकार अरुण योगी राज ने बनाई है ।अरुण देश में सबसे चर्चित मूर्तिकारों में से एक है। वह अपनी पांचवीं पीढ़ी में मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं । अरुण अपने पिता और दादा के कार्यों से प्रभावित होकर मूर्ति कला के क्षेत्र में कदम रखा था। उनके पूर्वज मैसूर के राजा के समय से मूर्ति कला के क्षेत्र में कार्यरत हैं। अरुण एमबीए करने के बाद कॉरपोरेट क्षेत्र की नौकरी में थे लेकिन वापस मूर्ति कला में लौट आए।
अरुण योगीराज ने देश में कई बड़ी हस्तियां और देवी देवताओं की मूर्ति बनाई है। इनमें इंडिया गेट के पास समर जवान ज्योति के पीछे लगी सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी शामिल है। उन्होंने केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट की ऊंची मूर्ति से लेकर मैसूर में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी बनाई है।
22 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे अयोध्या की भव्य राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस मौके पर मुख्य यजमान के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समिति लगभग 6000 आमंत्रित साधु संत और मेहमान शामिल होंगे। राम मंदिर में भगवान के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर 16 जनवरी से अनुष्ठान शुरू हो गए। 17 जनवरी को गर्भ ग्रह में राम लला की 200 किलो की वजन की नई मूर्ति स्थापित की गई है।