उत्तर प्रदेश में साइकिल प्रेमियों के लिए एक अनोखा हाईवे तैयार किया गया जिसे विशेष रूप साइकिल चलाने वालों के लिए प्रयोग के लिए बनाया गया है। यह हाइवे जिसे उत्तर प्रदेश का पहला साइकिल हाईवे कहा जाता है। वास्तव में एक एक्सप्रेसवे की तरह विकसित किया गया है। इस साइकिल हाइवे का नाम है”आगरा-इटावा साइकिल हाईवे” रखा गया है। जो उत्तर प्रदेश के इटावा से आगरा तक फैला हुआ है। यह हाईवे एशिया में अपनी तरह का पहला है जो साइकिल चलाने वालों को सुरक्षित और सुविधाजनक रास्ता प्रदान करेगा। इस पहल का उद्देश्य केवल साइकिल चलाने को बढ़ावा देना है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवन शैली को भी प्रोत्साहित करना है। इस हाइवे के उद्घाटन स्थानीय नागरिकों को साइकिलिंग के लिए एक नया स्थान मिलेगा जिससे वे न केवल अपनी सेहत का ध्यान रख सकेंगे बल्कि यात्रा के दौरान प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले सकेंगे।
भारत में साइकिल चलाने के शौकीनों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है
भारत में साइकिल चलाने के शौकीनों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा इटावा साइकिल हाईवे का निर्माण किया है जो देश का पहला साइकिल हाइवे यह हाईवे इटावा से आगरा तक फैला हुआ है और इसे 92 गांवों से जोड़ा गया है। इस साइकिल हाईवे का उद्घाटन 2016 में किया गया था और यह साइकिल चालकों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करता है।
रिपोर्ट के अनुसार यह हाईवे न केवल साइकिल चलाने के लिए बेहतरीन विकल्प है बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की विकास में भी योगदान देगा यह साइकल मार्ग करीब 7 फीट चौड़ा है जिसे उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा मुख्य राजबाला के समांतर विकसित किया है। इस साइकिल हाइवे के बीच में एक डिवाइडर स्थापित किया गया है जो साइकिल चलाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह मार्ग इटावा से आगरा के बीच स्थित 92 गांवों से होकर गुजरता है, जिससे स्थानीय निवासियों को साइकिल चलाने के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प प्रदान किया गया है। इटावा वन्य जीव सफारी पार्क से आगरा इटावा साइकिल हाइवे की शुरुआत होती है जो साइकिल चालकों के लिए एक अद्भुत यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। यह हाईवे आगरा की तरफ आगे बढ़ता है जिसमें कहीं ऐतिहासिक स्थल शामिल हैजैसे कि नौगवा का किला, जो अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है, और राजा भोज की हवेली, जो समृद्ध इतिहास की कहानी बयां करती है। इसके अलावा, बटेश्वरनाथ मंदिर भी इस मार्ग पर स्थित है, जो धार्मिक आस्था का केंद्र है।
साइकिल हाईवे आगरा में ताजमहल के पूर्वी द्वार पर समाप्त होता है
यह साइकिल हाईवे आगरा में ताजमहल के पूर्वी द्वार पर समाप्त होता है, जिससे पर्यटकों को इस विश्व धरोहर स्थल तक पहुँचने में सुविधा होती है। इस मार्ग का निर्माण न केवल साइकिल चालकों के लिए एक सुरक्षित यात्रा का साधन प्रदान करता है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक प्रयास है। इस हाईवे के माध्यम से स्थानीय संस्कृति और इतिहास का अनुभव करने का अवसर मिलता है, जो इसे एक विशेष आकर्षण बनाता है।
साइकिल मार्ग जो की यात्रियों को चंबल और यमुना नदियों की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इस मार्ग पर, पर्यटक घाटियों के खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकते हैं, जो उन्हें स्थानीय शांति और सुकून का अहसास कराते हैं।
2016 में आगरा-इटावा साइकिल हाईवे का उद्घाटन किया गया था, जो कि अपने आप में एक अनोखा और प्रथम प्रयास था। इस विशेष हाईवे का उद्घाटन इटावा स्थित लॉयन सफारी में एक भव्य समारोह के दौरान हुआ। उद्घाटन समारोह के पश्चात, 90 साइकिल चालकों की एक रैली का आयोजन किया गया, जिसमें भारत के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पांच अन्य देशों से भी प्रतिभागियों ने भाग लिया।
रैली न केवल साइकिलिंग के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास थी
यह रैली न केवल साइकिलिंग के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास थी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम था। इस हाईवे का उद्देश्य साइकिल चालकों को सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करना है, जिससे लोग साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित हों।