आ गया देश का पहला इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर जो केवल 3 घंटे चार्ज करने चलेगा लगातार 8 घंटे , यहां जान इस ट्रेक्टर की और भी खासियत के बारे में

Saroj kanwar
3 Min Read

देश में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों के डिमांड बढ़ती जा रही है और कंपनियों में भी मैन्युफैक्चरिंग तेजी कर दी है । लेकिन देश के अन्नदाताओ को भी इलेक्ट्रिक सिस्टम का लाभ उठाने के लिए अलग-अलग कंपनियों कदम आगे बढ़ा रही है। क्योंकि आज के समय में खेतों में चलने वाली ट्रैक्टर डीजल इंजन के साथ-साथ आते हैं। लेकिन अब ट्रैक्टरों को भी इलेक्ट्रिक वर्जन में पेश किया जा रहा है जिससे किसान भाइयों को काफी मदद मिलेगी।

वहीं ट्रैक्टर की खरीदने की सोच रहे हैं तो ट्रैक्टर खरीदने से पहले मार्केट में देश की पहली इलेक्ट्रिक मार्केट ट्रैक्टर AutoNxt की AutoNxt X45 Electric Tractor की एंट्री 15 लाख रुपए की कीमत के साथ हो चुकी है आइये इसलिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर के बारे में जानते हैं।

क्या है इस इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर के बारे में

आपको बता दे इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को भारतीय मार्केट में इसलिए उतर गया था कि किसान भाइयों की पर बोझ कम पड़े और कम से कम खर्चे में खेती कर सके इसलिए 35kwhr की मजबूत बैटरी के साथ 32kw की मोटर से लैस किया गया है जो 45 एचपी की बेहतरीन पावर जेनरेट करता है। वही माइलेज के मामले में से एक बार फुल चार्ज करने पर 8 घंटे देखे तो मैं दौड़ा सकते हैं।

चार्जिंग ऑप्शन

इस इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर को लेकर कहा गया है की हैवी ड्यूटी के दौरान थोड़ा कम रेंज करेगा लेकिन 6 घंटे से कम नहीं चलेगा। इसमें दो चार्ज ऑप्शन 15 A सॉकेट चार्जर से घर पर रिचार्ज कर सकते हैं। वहीँ अगर आप जबकि थ्री पेज चार्जर से अगर आप चार्ज करते है इसमें लगी बैटरी आसानी से तीन से चार घंटे में फुल चार्ज हो जाएगी।

इसके अलावा कोई भी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदते समय लोगों के मन में उसकी बैटरी को लेकर बड़ा सवाल रहता है की आखिर बैटरी कितने सालों से इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की आधिकारिक वेबसाइट दी गई जानकारी के मुताबिक इसमें लगी हुयी बैटरी चार्जिंग पॉइंट उसके वोल्टेज पर निर्भर करेगी। लेकिन 8 से 10 साल इसे बिना बैटरी के चला सकते हैं। दरअसल जब इस इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को लांच किया जा रहा था तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कंपनी के सीईओ कैस्तुभ घोंडे भी शामिल थे। उन्होंने कहा किसी इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर को लॉन्च करने का उद्देश्य है की किसान भाइयों के जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके।

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