सुप्रीम कोर्ट से युवा गुरु बाबा रामदेव का झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें योग शिविर के लिए सर्विस टैक्स देने को कहा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार आने को 19 अप्रैल को अपीलीय ट्रिब्यूनल की फैसले को बरकरा रखा जिसे पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को आवासीय और गैर आवासीय दोनों योग शिविरों के आयोजन के लिए प्रवेश शुल्क लेने के लिए सर्विस टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदाई ठहराया गया है।
स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगता है
जस्टिस अभय एसएस ओक और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अपने फैसले में कहा ,ट्रिबियनुल ने सही सही कहा है शुल्क के लिए शिविरों में योग एक सेवा है। हमें उस आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता। इसलिए अपील खारिज की जाती है। इसी के साथ अदालत ने ,सीमा शुल्क ,उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद में 5 अक्टूबर 2023 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। दरअसल CESTAT ने माना था कि पतंजलि योगपीठ द्वारा आयोजित योग शिविर -जो भागीदारी के लिए शुल्क लेता है। ये स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगता है।
यह उक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए शुल्क है
ट्रिब्यूनल ने कहा कि ,ट्रस्ट विभिन्न आवासीय और गैर आवासीय शिविरों में योग प्रशिक्षण प्रदान करने में लगा हुआ है। इसके लिए प्रतिभागियों से दान के माध्यम से शुल्क एकत्रित किया गया था । हालाँकि यह राशि दान के रूप में एकत्रित की गई थी। यह उक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए शुल्क है।
मेरठ रनें की आयुक्त ने जुर्माना और ब्याज समय तक अक्टूबर 2006 से मार्च 2011 तक लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए की मांग की थी। ट्रस्ट ने दलील थी कि ऐसी सेवाएं प्रदान कर रहा है जो बीमारियों की इलाज के लिए है और यह स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा के तहत कर योग्य नहीं है। लेकिन ट्रिब्युनल ने कहा कि , ट्रस्ट का दावा है कि व्यक्ति को होने वाले विशिष्ट बीमारियों के लिए उपचार प्रदान कर रहे हैं किसी भी सकारात्मक सबूत द्वारा समर्थित नहीं है।
शिविरों में योग और ज्ञान शिक्षा किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी सभा को एक साथ दी जाती है
इन सभी शिविरों में योग और ज्ञान शिक्षा किसी एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरी सभा को एक साथ दी जाती है। किसी भी व्यक्ति की विशिष्ट बीमारी शिकायत के लिए कितने दान और उपचार के लिए कोई नुस्खे नहीं बनाए जाते हैं। ट्रस्ट ने प्रवेश शुल्क को दान के रूप में स्थापित किया था । उन्होंने विभिन्न मूल्य वर्ग की प्रवेश टिकट जारी किए। टिकट धारक को टिकट मूल्य के आधार पर अलग-अलग विशेषाधिकार दिए गए थे। पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट द्वारा आयोजित योग शिविर जो लेताशुल्क लेता है। स्वास्थ्य और फिटनेस सेवा की श्रेणी में आता है और इस पर सेवा कर लगता ह।