सावन का महीना भक्तो के लिए खास होता है। भगवान शिव को भी ये अति प्रिय है। इस महीने से मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिल जाती है। सभी भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना कर अपने जीवन की परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करते है। आपने देखा होगा की शिव मंदिर में नंदी की भी मूर्ति जरूर स्थापित की जाती है । ऐसा माना जाता है कि जहां भी शिव मंदिर होता है, वहां पर नंदी भगवान की मूर्ति होना अनिवार्य है।
नंदी भगवान शिव के प्रिया गणो में से एक है
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख किया गया कि नंदी भगवान शिव के प्रिया गणो में से एक है। नंदी भगवान शिव जी के परम भक्त है। इसी वजह से भगवान शंकर जी के साथ हमेशा ही नंदी महाराज रहते हैं। शिव मंदिर में द्वारपाल के तौर पर नंदी जरूर विराजमान रहते हैं बिना नंदी की पूजा किए बिना शिवजी की पूजा भी अधूरी मानी जाती है जब भी भक्त शिवजी की मंदिर में जाते हैं तो वहां पर नदी के कान में कुछ बोलते हैं ऐसा कहते हैं की नंदी के कान में धीरे से अपनी मनोकामना बोली जाए तो भगवान शिव तक पहुंच जाती है और इच्छा जल्दी से जल्दी पूरी होती है। लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादा लोग नंदी के कान में मनोकामनाएं बोलने का सही तरीका नहीं जानते हैं। आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे।
नंदी अपनी मनोकामना बोलने का सही तरीका है
धर्म शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया है की नंदी अपनी मनोकामना बोलने का सही तरीका है। अगर व्यक्ति तरीके सही तरिके को अपनाता है तो उसकी मनोकामना जल्दी पूरी होती है । जब भी आप शिव जी के मंदिर में जाएंगे नंदी की पूजा जरूर करनी चाहिए। क्योंकि बिना नंदी की पूजा की अगर आप शिवलिंग की पूजा करते हैं तो इससे आपको पूरा पुण्य प्राप्त नहीं होता है। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की पूजा आरती करने के बाद किसी से भी बातचीत मत कीजिए आप अपने मनोकामना नंदी भगवान के कान में बोल दे। ऐसी मान्यता है कि शिवजी ने खुद नंदी भगवान को यह वरदान दिया था कि जो व्यक्ति तुम्हारे कान में अपनी मनोकामना करेगा उसकी इच्छा जरुर पूरी होगी।
नंदी के कान में बोली हर मनोकामना में शिव जी तक पहुंचा देती है
ऐसा माना जाता है की नंदी के कान में बोली हर मनोकामना में शिव जी तक पहुंचा देती है क्योंकि भगवान शिव जी से ज्यादा तपस्या में उनकी तपस्या में इसलिए लोग अपनी समस्या को नंदी के कान में बोलकर जाते हैं। जब भगवान नंदी भगवान के अपनी मनोकामना बोल रहे हैं तो उस समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि नंदी की कान में ही अपनी मनोकामना बोली इससे मनोकामना बोलना अधिक शुभ माना जाता है। अपनी मनोकामना बोलने के बाद नंदी के सामने पैसे पहले मिठाई जरूर कीजिए अर्पित जरूर कीजिए। वहीं आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि किसी भी व्यक्ति का बुरा या अहित हो, ऐसी कोई भी मनोकामना नंदी जी के कान में ना कहें।