School Education: अब इस तरीके से लगाई जाएगी क्लासरूम में कुर्सियां, इस राज्य ने की शुरूआत 

Saroj kanwar
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School Education : बिजी लाइफ के चलते आज हर किसी को अपना स्कूल जरूर याद आता है. पहले के सभी स्कूलों में एक बैंच के पीछे दूसरा बैंच लगाया जाता था. कुछ बच्चे ऐसे होते थे जो सबसे लास्ट में बैठते थे. जिन्हें सब बैकबेंचर्स कहते थे.

बैकबेंचर्स वो बच्चे होते थे जो ज्यादा शरारतें करते थे और पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगाते थे. बता दें कि केरल में अब ऐसा नहीं होता. केरल के स्कूलों में  कबेंचर्स का सिस्टम खत्म करने के लिए क्लासरूम की सेटिंग बदल दी.

नया अरेंजमेंट हर बच्चे को पढ़ाई-लिखाई और सवाल पूछने के समान अवसर प्रदान करेगा. इसमें पीछे के बैंचों का सिस्टम बिल्कुल खत्म कर दिया. पहले पीछे बैठे बच्चे कुछ समझ नहीं पाते थे. इसलिए क्लासरूम की सेटिंग बदल दी.

केरल में स्थित रामविलासॉम वोकेशनल हायर सेकेंडरी स्कूल (RVGHSS) में अब बच्चों की कुर्सियां U शेप में व्यवस्थित कर दी गई हैं. अब टीचर हर एक बच्चे पर पूरा ध्यान दे सकते है. क्लासरूम के नए अरेंजमेंट में हर बच्चे को फ्रंट सीट पर बैठने का अवसर मिलेगा.

तमिलनाडु शिक्षा विभाग इस पहल से इतना प्रभावित हो गया कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में इसे लागू करने की योजना बना रहा है. बता दें कि अंग्रेजी का U अक्षर तमिल भाषा का ‘पा’ है.

केरल के स्कूल को ये आइडिया साल 2024 की मलयालम फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ (Sthanarthi Sreekuttan) में दिखाए गए क्लासरूम से मिला है. इस फिल्म में कुछ सीन किसी क्लासरूम के बैकग्राउंड पर सेट हैं.

इस फिल्म में दिखाया गया कि सभी स्टूडेंट्स की सीटें क्लासरूम की चारों दीवारों से सटाकर लगाई गई है. इस क्लासरूम में कोई भी बच्चा बैकबेंचर नहीं है. इसी को देखते हुए क्लासरूम में बैंचों की सेंटिग बदल दी गई.

पंजाब के किसी स्कूल प्रिंसिपल ने मलयालम फिल्म ‘स्थानार्थी श्रीकुट्टन’ (Sthanarthi Sreekuttan) के डायरेक्टर विनेश विश्वनाथन को मैसेज किया कि फिल्म देखने के बाद उन्होंने न सिर्फ अपने स्कूल में क्लासरूम का यह मॉडल अपनाया, बल्कि सभी स्टूडेंट्स को भी यह मूवी दिखाई. 

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