आज से सावन मास की शुरुआत हो गई है। 1 महीने तक चलने वाला या ये पवित्र महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस पूरे महीने में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करना शुभ माना जाता है। जो काफी फलदायी मानी जाती है। इस महीने शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
कुंवारी कन्या पुरे मन से भगवान शिव की आराधना करती है
इस महीने महिलाएं खासकर कुंवारी कन्या पुरे मन से भगवान शिव की आराधना करती है। वह हरे रंग का श्रृंगार करती है । हरी साड़ी और हरी चूड़ियां पहनती है। इस महीने में हरे रंग का काफी महत्व होता है। हालांकि बहुत कम भक्त ही इसके पीछे का कारण जानते हैं। यहां जानते हैं हरा र रंग भगवान शिव को इतना क्यों प्रिया है।
इस महीने में पेड़ पौधे से हरे -भरे हो जाते हैं
सावन का महीना खुशियां मनाने वाला होता है। गर्मी के बाद यह मौसम काफी सुहावना होता है। हर तरफ हरियाली हरियाली नजर आती है। बारिश की वजह से इस महीने में पेड़ पौधे से हरे -भरे हो जाते हैं। फूल खिल उठते हैं। प्रकृति हरे रंगों से सज जाती है। हरी भरी प्रकृति शिव का अत्यंत प्रिय है । यही कारण है कि इस रंग को भोलेनाथ से जोड़ा जाता है।
प्रकृति माता पार्वती का ही स्वरूप मानी गई
हरा रंग प्रकृति का भी प्रतीक माना जाता है। प्रकृति माता पार्वती का ही स्वरूप मानी गई । यही कारण है की भगवान शिव को हरे रंग और प्रकृति दोनों उसे काफी प्रिय है। मान्यता है कि सावन में हरा रंग पहनकर पूजा करने से माता पार्वती और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सब अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। हरा रंग प्रेम और खुशी का भी प्रतीक माना गया। हरा रंग जीवन में खुशहाली ,मानसिक शांति, बुद्धिमत्ता और सकारात्मक का भी प्रतीक माना गया है। आज सावन की शुरुआत हो गई है जो 19 अगस्त तक चलेगी। इस बार सावन मास सावन से शुरू है और सोमवार को इसका समापन होगा। इस बार सावन में पांच सोमवार पड़ रहे हैं । इस दिन विधिपूर्वक भगवान शिव और पार्वती की पूजा करने से जीवन की हर मनोकामनापूरी होती है।