Satellite Internet Service :Starlink की एंट्री से डिजिटल होगा भारत, देश के हर कोने में दौड़ेगा फास्ट इंटरनेट 

Saroj kanwar
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Satellite Internet Service: भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. स्पेसएक्स की Starlink सेवा जल्द ही देश में लॉन्च होने जा रही है. Indian National Space Promotion and Authorization Center (IN-SPACe) के अध्यक्ष डॉ. पवन गोयनका ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि अधिकांश नियामकीय और लाइसेंस से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, और अब अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा है.

स्पेसएक्स और IN-SPACe की बैठक में बनी सहमति

हाल ही में डॉ. गोयनका और स्पेसएक्स की COO ग्वेने शॉटवेल के बीच अहम बैठक हुई, जिसमें प्राधिकरण संबंधी लंबित मुद्दों पर चर्चा कर समाधान निकाला गया. यह बैठक भारत में स्टारलिंक सेवा शुरू करने के लिए निर्णायक मानी जा रही है.

सेवा शुरू होने में लग सकता है कुछ समय

हालांकि ग्राउंडवर्क लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन सेवा शुरू होने से पहले तकनीकी और प्रक्रियात्मक परीक्षण आवश्यक हैं. डॉ. गोयनका ने बताया, “अधिकार मिलने के बाद भी सेवा को पूर्ण रूप से शुरू होने में कुछ महीने लग सकते हैं.”

जून में स्पेसएक्स ने दिखाई तेजी

स्पेसएक्स की COO ग्वेन शॉटवेल ने जून में भारत के संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी, जिसमें भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा की संभावनाओं पर चर्चा हुई. इसके बाद भारत सरकार की ओर से स्टारलिंक को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए लाइसेंस जारी किया गया.

स्टारलिंक की तकनीक और वैश्विक विस्तार

Starlink पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थित उपग्रहों के माध्यम से तेज ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करती है. वर्तमान में स्टारलिंक के पास करीब 7,000 LEO सैटेलाइट हैं, और भविष्य में इस संख्या को 40,000 से अधिक करने की योजना है. इससे दुनिया भर में तेज़ और स्थिर इंटरनेट मुहैया कराया जा सकेगा.

भारत में अन्य कंपनियों को भी मिला लाइसेंस

भारत सरकार ने इससे पहले OneWeb (Eutelsat) और Jio Satellite Communications को भी उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवा का लाइसेंस जारी किया है. वहीं, अमेजन की इकाई Kuiper को अब भी मंजूरी का इंतजार है.

ग्रामीण भारत के लिए वरदान साबित हो सकती है सेवा

भारत के दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड नेटवर्क का अभाव है. ऐसे इलाकों में Starlink जैसी सैटेलाइट सेवाएं बेहद उपयोगी और कारगर विकल्प बन सकती हैं. ब्रॉडबैंड की तुलना में सैटेलाइट इंटरनेट अधिक स्केलेबल और प्रभावी है, जिससे हर कोने में तेज इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव हो सकेगी.

डिजिटल इंडिया को मिलेगा नया रास्ता

डॉ. गोयनका ने उम्मीद जताई है कि भारत में स्टारलिंक, वनवेब, जियो जैसी कंपनियों के संयुक्त प्रयास से डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. इससे ना सिर्फ आम लोगों को फायदा होगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-गवर्नेंस और व्यवसाय के क्षेत्र में भी बड़ा परिवर्तन देखा जा सकेगा.

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