Rajasthan Monsoon Update :राजस्थान के 8 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, मानसून की मेहरबानी से मिली गर्मी से राहत

Saroj kanwar
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Rajasthan Monsoon Update: राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर अपनी सक्रियता दिखाई है। बंगाल की खाड़ी और पश्चिम बंगाल से सटे क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने के चलते पूर्वी राजस्थान के मौसम में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार, इस मौसमी सिस्टम के कारण आने वाले एक सप्ताह तक अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है। मंगलवार को 15 से अधिक जिलों में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जबकि 8 जिलों के लिए सुबह 5 बजे डबल अलर्ट घोषित किया गया।

किन जिलों में होगी भारी बारिश?

मौसम विभाग ने श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, जयपुर, अलवर, दौसा, भरतपुर, बारां, बांसवाड़ा, उदयपुर, सिरोही समेत कई जिलों में मेघगर्जन के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। अलवर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, करौली और सवाई माधोपुर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में 30 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है।

कोटा और बारां के लिए येलो अलर्ट

कोटा और बारां जिलों में मौसम खराब रहने की आशंका जताई गई है। यहां हल्की से मध्यम बारिश, तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना है। इन दोनों जिलों के लिए येलो अलर्ट घोषित किया गया है।

चूरू में टूटा 36 साल पुराना बारिश का रिकॉर्ड

चूरू जिले में मानसून ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है। बीते 24 घंटे में यहां 85.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो जून महीने में एक दिन में अब तक की सबसे अधिक बारिश है। इससे पहले यह रिकॉर्ड 24 जून 1988 को 81.9 मिमी का था।

अन्य प्रमुख जिलों में दर्ज की गई बारिश:

  • श्रीगंगानगर – 18.6 मिमी
  • फतेहपुर – 33.5 मिमी
  • पिलानी – 17.2 मिमी
  • सीकर – 19.8 मिमी
  • पाली – 16.0 मिमी

बारिश के बावजूद उमस से राहत नहीं

हल्की बारिश के बावजूद राज्य के कई हिस्सों में उमस का असर बना हुआ है। जयपुर, कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा, हनुमानगढ़, सीकर जैसे शहरों में गर्मी और नमी से लोग बेहाल हैं।
तापमान रिकॉर्ड:

  • जयपुर – 34.1 डिग्री
  • जैसलमेर – 38.0 डिग्री
  • बीकानेर – 38.3 डिग्री
  • श्रीगंगानगर – 40.3 डिग्री सेल्सियस

मानसून बना कृषि के लिए संजीवनी

दक्षिण-पश्चिम मानसून जून से सितंबर तक भारत की सालाना बारिश का 70% हिस्सा लाता है, जो कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जीवनरेखा है। मानसून की सक्रियता से खरीफ फसलों की बुवाई, मिट्टी की नमी और भूजल रिचार्ज में मदद मिलती है। जुलाई में औसतन 280.4 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 106% बारिश का अनुमान है, जो सामान्य से अधिक है।

किसानों को राहत, आम लोगों को सतर्कता की जरूरत

मानसून की जोरदार वापसी राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आई है। हालांकि, तेज हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी को देखते हुए आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। खुले में काम करने वाले मजदूरों, किसानों और बच्चों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है।

बारिश का असर पड़ेगा तापमान और जल स्रोतों पर भी

अगले कुछ दिनों में लगातार बारिश से तापमान में गिरावट, जल स्रोतों में भराव और पर्यावरणीय संतुलन में सुधार देखने को मिल सकता है। नगर प्रशासन ने भी जलभराव और बिजली कटौती से बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं।

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