मान्यता है की गौ माता के दर्शन मात्र से बड़े-बड़े यज्ञो की पुण्य प्राप्त होते हैं। महाभारत के अनुसार जिस स्थान पर गाय निर्भीक होकर रहती है उस स्थान पर है जीव जंतु के सभी कष्ट दूर रहते हैं। गाय में 33 कोटी देवी देवता निवास करते हैं । इसलिए गौ माता पूजनीय है। गाय कष्टों को दूर करने का सामर्थ रखती हैं।जानिए विस्तार से जानिए कि गौमाताके पास जाकर कौनसे कष्टों से मिलती है मुक्ति।
गवाक्ष भारती, धर्मपाल की भारत में गौरक्षा और गौ की महिमा नाम सहित तमाम पुस्तकों में गाय की महिमा का वर्णन किया गया है। कहते हैं की गाय की रीढ़ में स्थित सूर्य केतु नाड़ी सर्व रोग नाशक और सर्व विष नाशक होती है इसलिए गाय की पीठ पर हाथ फेरने से और गाय के साथ कुछ वक्त रहने से सभी तरह के रोगों का कष्ट होता है।
सर दर्द
किसी प्रकार का सिर दर्द होने पर गौशाला जाए और गाय के ऊपर कुछ तक देर तक हाथ फेरे। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से सर दर्द ठीक हो जाता है । हालाँकि इस उपाय को आजमा कर देखने में कोई बुराई नहीं है।
टीवी के मरीज
जो टीबी की बीमारी से ग्रसित है वे कुछ दिनों के लिए गौशाला में रहते हैं तो गोमूत्र और गोबर से निकलने वाली गंध से वह जल्दी ठीक हो जाते हैं।
बच्चों की बीमारी ठीक ना होने पर
यदि आपके घर में कोई भी सदस्य दवाई लेने के बाद भी स्वस्थ नहीं हो रहा है तो इस गोशाला जाकर गाय की पूंछ को रोगी के सिर पर घड़ी की सुई की दिशा में 11 बार घुमा दें और शरीर पर 21 बार पूँछ से झाड़ दे।मान्यता अनुसार ऐसा करने से स्वास्थ्य में सुधार होने लगेगा। फिर भी हमें डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए
बुखार होने पर
aisi मान्यता है की गौमाता के ऊपर हाथ फेरने से ज्वर शांत हो जाता है। फिर भी डॉक्टर की सलाह ले।
तांत्रिक क्रिया से मुक्ति
यदि आपको लगता है कि आपके घर में किसी तांत्रिक क्रिया का प्रभाव है तो हाथ में पीली सरसों को लेकर गौ माता के मुख में से निकलने वाले झाग के साथ उसको मिलाकर सरसों को पूरे घर में घुमाना है इस उपाय से सभी तरह की तांत्रिक क्रिया से छुटकारा मिलता है।
वस्तु दोष से मुक्ति
गौशाला को मंदिर के समान पवित्र और पूजनीय माना जाता है। गौशाला की मिट्टी लाकर घर में छिड़कने से घर का वास्तु दोष समाप्त होता है। गाय के चलने पर उसके पैरों से जो धूल उड़ती है उसे गोधूलि कहा जाता है। गाय के पैरों में समस्त तीर्थों का वास माना गया है। इस रज या धूल का तिलक लगाने से तीर्थ करने के समान पुण्य धर्मशास्त्र में बताया गया है।
गोमूत्र का चमत्कार
गोमूत्र को गंगाजल के समान पवित्र माना गया है। गोमूत्र में गंगा का वास होता है। गोमूत्र का छिड़काव करने से उस स्थान की नकारात्मकता दूर हो जाती है। हम औषधि के रूप में भी गोमूत्र का उपयोग करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गोमूत्र के सेवन से कई बीमारियां दूर हो जाती है।