हम सब जानते हैं गर्भावस्था से पहले के गर्भावस्था के दौरान मां का स्वास्थ्य और पोषण मायने रखती है। लेकिन पिता के बारे में भी तो अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया है। नए अध्ययन से पता चला है कि पिता का आहार उसके भावी बच्चों के स्वास्थ्य में आश्चर्यजनक रूप से बड़ी भूमिका निभाते हैं। वैज्ञानिकों ने पता लगा है कि पिता के आहार उसकी संतान के मेटाबॉलिज्म ,स्वास्थ्य जोखिम और यहां तक की भावनात्मक भलाई को बदल सकता है।
सुरक्षित जगहों में घूमने कितना वक्त बिताना पसंद करते हैं
शोधकर्ताओं ने पता लगाने के लिए एक चूहा का मॉडल का उपयोग किया की एक पिता का आहार उसकी भावी संतानों को कैसे प्रभावित कर सकता है। उन्होंने खोजै जिन पिताओ ने कम प्रोटीन और अधिक कार्बोहाइड्रेट वाला आहार उनकी संतान में चिंता के लक्षण बढ़ाने की संभावना अधिक थी। इस चिंता का आकलन शोधकर्ताओं ने यह देखकर किया की चूहे भूल भुलैया की कथित सुरक्षित जगहों में घूमने कितना वक्त बिताना पसंद करते हैं।
बच्चों के गर्भधारण से पहले ही पिता का आहार मायने रखता है
वहीं जिन पिताओ में आहार का मुख्य रूप से उच्च मात्रा में वसा से बना था। उनकी पैदा होने वाली बेटी के शरीर में वसा की अधिक मात्रा होने की संभावना थी। इसके अलावा इन बेटियों में मधुमेह जैसे मेट्रोबोलिज्म रोग की शुरुआती लक्षण दिखाई दिए। अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि बच्चों के गर्भधारण से पहले ही पिता का आहार मायने रखता है।
कैलोरी के बारे में नहीं बल्कि यह भी मायने रखता है कि कैलोरी कहां से आती है
यह केवल कैलोरी के बारे में नहीं बल्कि यह भी मायने रखता है कि कैलोरी कहां से आती है। चार्ल्स पर्किन्स सेंटर के सह वरिष्ठ लेखक और सिडनी विश्वविद्यालय के के अकादमिक के निदेशक प्रोफेसर स्टीफन सिम्पसन ने कहा कि ,पिता के आहार में प्रोटीन ,वसा और कॉर्ब्स के मिश्रण को बदलकर हम उनके बेटे और बेटियों को स्वास्थ्य और व्यवहार विशिष्ट गुणों को प्रभावित कर सकते हैं।