केंद्रीय औसत मानक नियंत्रण संगठन की जांच में हिमाचल प्रदेश में 25 दवा उद्योग निर्मित 40 दवा और इंजेक्शन सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं जो दवाई गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाई। उनमें अस्थमा , बुखार ,डायबीटीज ,हाई बीपी ,एलर्जी , मिर्गी ,खांसी ,एंटीबायोटिक , ब्रोंकाइटिस और गैस्टिक के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाई इंजेक्शन शामिल है। इसके अलावा कैल्शियम सप्लीमेंट सहित मल्टीविटामिन की भी जांच में फेल हो गए।
सीडीएससीओ ने दिसंबर महीने में ड्रग अलर्ट जारी किया था
दरअसल सीडीएससीओ ने दिसंबर महीने में ड्रग अलर्ट जारी किया था। इसमें यह खुलासा हुआ है सब स्टैंडर्ड पाई गई दवाओं का निर्माण बद्दी ,बरोटीवाला ,नालागढ़ ,सोलन ,कालाअम्ब , पावटा ,साहिब ,संसारपुर , बटेरा स्थित दवा उधोगो में हुआ। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड ,पंजाब ,गुजरात , आंध्र प्रदेश ,उत्तर प्रदेश ,मुंबई ,तेलंगाना ,दिल्ली स्थित उद्योगों में निर्मित 38 तरह दवाओं के सैंपल भी जांच में फेल हो गए हैं।
कई कंपनियों में निर्मित दावों की सिंपल बार-बार फेल हो रहे हैं
बद्दी स्थित एलायंस बायोटेक द्वारा निर्मित रक्त के थक्के के उपचार में हेपरिन सोडियम इंजेक्शन के विभिन्न बेचो में आठ सैंपल फेल हुए। झाड़ माजरी स्थिति कान्हा बायो जेनेटिक में निर्मित विटामिन d3 की टेबलेट के पांच सैंपल फेल हुए। ड्रग अलर्ट में शामिल 25 दवा कंपनियों की जांच के दायरे में है। इनमें से कई कंपनियों में निर्मित दावों की सिंपल बार-बार फेल हो रहे हैं।
प्रदेश में दावों की लगातार दवाओं के सैंपल फेल होने का क्रम जारी है
काबिले जिक्र है कि प्रदेश में दावों की लगातार दवाओं के सैंपल फेल होने का क्रम जारी है। सीडीएससीओ द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में सब स्टैंडर्ड घोषित की गई दवाओं में से 50% से अधिक का निर्माण हिमाचल की दवा कंपनियों में हुआ है। केंद्रीय औसत मानक नियंत्रण संगठन ने दिसंबर माह में देश के अलग-अलग राज्यों में 1008 दवाओं की सैंपल एक्टिव किए थे जिनमें से जांच के दौरान 78 दवायें सब स्टैंडर्ड पाई गई है जबकि 930 दवायें गुणवत्ता के पैमाने पर खरी उतरी है।
इन दवाओं में सैंपल हिमाचल , उड़ीसा ,अरुणाचल प्रदेश ,मेघालय , सीडीएससीओ बद्दी, ऋषिकेश ,गाजियाबाद ,बेंगलुरु ,कोलकाता ,चेन्नई ,मुंबई ,गाजियाबाद ,अहमदाबाद में ड्रग डिपार्टमेंट ने जांच के लिए जुटाए थे जिनकी जांच सीडीएल लैब में हुई और जांच रिपोर्ट मंगलवार को सार्वजनिक की गई।