भारत और इंग्लैंड के बीच पांच ने मेचो की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला राजकोट में खेला जा रहा है। टीम इंडिया को मैच के दूसरे दिन एक बहुत बड़ा झटका मिला। स्टार स्पिनर आर अश्विन को निजी करने की वजह से मैच के बीच में छोड़कर घर लौटना पड़ा। अचानक से बीच में मैच में से वापस नाम लेने के बाद अब कप्तान रोहित शर्मा की मुश्किलें काफी बढ़ गई है।
रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी
सवाल यह है कि क्या भारत 10 खिलाड़ियों के साथ आगे केहेल्गा या फिर इस रिप्लेसमेंट मिलेगा। राजकोट टेस्ट मैच में भारत की कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी। पहले दिन की खेल में शुरुआत खराब के बाद टीम को उन्होंने अपने दमदार शतक से संभाला आल राउंडर रविंद्र जडेजा ने दूसरी छोर पर उनका साथ निभाते हुए 200 रन की साझेदारी कर भारत की वापसी करवाई पहली पारी में इन दोनों के शतक के अलावा डेब्यू करने वाले सरफराज खान ने अर्धशतक जमाया।
भारतीय टीम ने 445 रन का स्कोर की खड़ा किया। दूसरे दिन इंग्लैंड ने दो विकेट पर 207 रन बनाए थे। भारतीय टीम को दूसरे दिन के खेल में आर अश्विन के रूप में बड़ा झटका लगा। अब आगे इस मुकाबले में टीम का हिस्सा नहीं होंगे। ऐसे में सवाल यही है कि क्या उनकी जगह पर किसी खिलाड़ी को उतारने का मौका मिलेगा। अगर यह गेंदबाज उतरा तो उसे गेंदबाजी करने की अनुमति होगी तो जान लीजिए क्या कहता है इसे लेकर आईसीसी का नियम।
बेन स्टोक्स और टीम मैनेजमेंट की अनुमति चाहिए होगी
नियम के मुताबिक ,अश्विन के रिप्लेसमेंट के तौर पर प्लेइंग इलेवन में किसी खिलाड़ी को शामिल करने के लिए इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और टीम मैनेजमेंट की अनुमति चाहिए होगी। अक्षर पटेल टीम लिस्ट में 12वीं जबकि के एस भरत तेरहवे खिलाड़ी है। इन दोनों में कप्तान किसी को भी अश्विन की जगह मौका दे सकता है।
सब्सिटिटयूट खिलाड़ी ना तो बैटिंग कर सकता है और टीम के लिए गेंदबाज जी का योगदान दे पाएगा
एमसीसी के नियम 1.2.2 के अनुसार विरोधी टीम के कप्तान की अनुमति के बिना दूसरी टीम अपने प्लेइंग इलेवन के बीच मैच के दौरान किसी खिलाड़ी की जगह पर किसी और को शामिल नहीं कर सकती। अश्विन की जगह फील्डिंग करने के लिए सब्सीट्यूट को रोहित शर्मा जरूर उतार सकते हैं लेकिन बेनस्टॉक की इजाजत कि वह किसी को अश्विन की जगह प्लेइंग 11 में शामिल नहीं कर पाएंगे। मतलब टीम इंडिया को 10 खिलाड़ी और एक सब्स्टीट्यूट के साथ मैदान पर उतारेगी। आईसीसी का नियम कहता है की सब्सिटिटयूट खिलाड़ी ना तो बैटिंग कर सकता है और टीम के लिए गेंदबाज जी का योगदान दे पाएगा वह सिर्फ फील्डिंग ही कर सकता है।