महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना जिस’ मनरेगा योजना ‘के नाम से जाना जाता है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में लोगों को 1 साल से कम से कम 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाता है। इस योजना से गांव के साथ ही शहरों में भी बेरोजगार मौजूदों को काम मिलता है। लेकिन देखने में आ रहा है कि कई लोगों ने मनरेगा योजना के तहत जॉब कार्ड तो बनवा लिया लेकिन उन्होंने इस योजना के तहत काफी समय से काम की मांग नहीं की । सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के मूड में है। बताया जा रहा है कि इस योजना से जुड़े लोगों की जॉब कार्ड ब्लॉक किये जाएंगे जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ प्रदान किया जाएगा।
केवल 46000 जॉब कार्ड धारक मजदूरों ने ही 100 दिन काम किया है
मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में पंजीकृत मजदूरों को 100 दिन काम दिए जाने का नियम है। इस योजना के तहत जिले में 3.86 लाख मजदूरों के पास मनरेगा जॉब कार्ड है। इसमें 1 पॉइंट 12 लाख मनरेगा मजदूर ने साल भर काम की मांग नहीं की। वही केवल 46000 जॉब कार्ड धारक मजदूरों ने ही 100 दिन काम किया है । ऐसे में सरकार से इस जॉब कार्ड धारक मनरेगा मजदूरों का सत्यापन करेगी। ओरिजिनल मजदूरों ने साल पर काम नहीं मांगा उनके जॉब कार्ड को ब्लॉक किया जाएगा। विभाग की ओर से जॉब कार्ड धारक मजदूरों का सत्यापन किया जाएगा सत्यापन कार्य पूरा होने के बाद जॉब कार्ड ब्लॉक हो जाएगा जॉब कार्ड ब्लॉक होने से मजदूर उसे कार्ड पर कहीं मनरेगा के तहत मजदूरी नहीं कर सकेंगे। बता दे की केंद्र सरकार की ओर से गांव में मजदूरों को काम देने के लिए महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई।इसके तहत जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा के तहत कम से कम सौ दिन का रोजगार दिए जाने की गारंटी दी जाती है।
रोजगार छीनने के बाद गांव लौटे मजदूरों के सामने रोजगार का संकट आ गया था
कोरोना काल में शहरी क्षेत्र में रोजगार छीनने के बाद गांव लौटे मजदूरों के सामने रोजगार का संकट आ गया था जब मनरेगा योजना उनका सबसे बड़ा सहारा बनी थी इस दौरान सरकार ने इस योजना के तहत मजदूरों के जॉब कार्ड बनाए और इस योजना के तहत रोजगार दिया वही मजदूरों के खाते में आर्थिक सहायता दी थी। कोरोना का खत्म होने के बाद जबजनजीवन सामान्य तरीके से चलने लगा और फिर से श्रमिक अन्य राज्यों में मजदूरी करने निकल गए जिससे मनरेगा के तहत जॉब कार्ड होने के बावजूद उन्होंने काम की मांग नहीं की। सरकार ऐसे लागों के कार्ड ब्लॉक करने की तैयारी में है।
UP की गाजीपुर जिले की तो यहां कोई यहां कुल 3.86 लाख जॉब कार्ड धारक हैं
यदि बात करें UP की गाजीपुर जिले की तो यहां कोई यहां कुल 3.86 लाख जॉब कार्ड धारक हैं। इसमें से 46000 जॉब कार्ड धारको को 100 दिन का काम किया है। शेष श्रमिकों ने पूरे साल भर में काम नहीं मांगा है। जनपद में मिट्टी के कामों में मनरेगा के तहत करने की निर्देश दिए गए इसके साथ ही जहाँ मजदूर की जरूरत है वहां प्राथमिकता से मनरेगा जॉब कार्ड धारकों से ही काम करवाया जाएगा। मनरेगा जॉब कार्ड का ब्लॉक स्तर पर सत्यापन कार्य शुरू किया जाएगा। इसमें काम नहीं मांगने वाले या बाहर रहकर मजदूरी करने वाले को चिन्हित किया जाएगा और ऐसे श्रमिकों की जॉब कार्ड को ब्लॉक कर दिया जाएगा। इसकी जगह दूसरे जरूरतमंद मजदूरों को जगह दी जाएगी।