अब मालिकाना हक को लेकर ‘दाखिल ख़ारिज ‘आवेदन प्रक्रिया में हुआ बड़ा बदलाव ,यहां जाने अब अप्लाई करने का तरीका

Saroj kanwar
3 Min Read

बिहार में जमीन के मालिकाना हक को को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है ‘दखल खारिज ‘ यह प्रक्रिया तब की जब किसी जमीन का मालिकाना हक बदलता है ,जैसे खरीद बिक्री या विरासत के माध्यम से। पहले प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली होती है। लेकिन बिहार सरकार ने इसे ऑनलाइन कर दिया है।

बिहार दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हैं

बिहार दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया की शुरू होने से लोगों को काफी राहत मिली है। अब घर बैठे ही कुछ क्लिक से काम किया जा सकता है। इससे न सिर्फ समय की बचत होती है उनकी भ्रष्टाचार की संभावना भी काम हो जाती है। आज हम आपको बिहार दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हैं।

दाखिल खारिज एक प्रशासनिक प्रक्रिया है जिसके तहत जमीन के मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड में बदल जाता है। यह तब किया जाता है जब कोई जमीन बेची जाती है ,उपहार में दी जाती है या विरासत में मिलते इस प्रक्रिया को म्यूटेशन भी कहते हैं।

दाखिल खारिज करवाना क्यों जरूरी है।

यह आपके जमीन के मालिकाना हक को कानूनी मान्यता देता है। इससे भविष्य में जमीन से जुड़े विवादों से बचा जा सकता है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह बहुत जरूरी है। बैंक से लोन लेने में यह मददगार होती है।

बिहार दाखिल खारिज ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

बिहार दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया करने की प्रक्रिया सबसे पहले बिहार में क्या आधिकारिक वेबसाइट https://biharbhumi.bihar.gov.in पर जाएं।
होम पेज पर नीचे स्क्रॉल करके ऑनलाइन दाखिल आवेदन करें पर क्लिक करें।
अगर आप नए उपयोगकर्ता है तो पहले रजिस्ट्रेशन करें। पुराने उपयोगकर्ता सीधे लॉगिन कर सकते है।
लॉगिन के बाद, आवेदन फॉर्म भरें। इसमें निम्न जानकारी देनी होगी:
जिला, अंचल और मौजा का नाम
खाता संख्या और प्लॉट संख्या
नए मालिक का नाम और पता
जमीन हस्तांतरण का कारण (बिक्री, उपहार, विरासत आदि)जमीन स्थानांतरण का कारण सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
दस्तावेज पीडीएफ फॉर्मेट में होने चाहिए और और 1MB से कम साइज के होने चाहिए।
आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
फॉर्म जमा करें और आवेदन की संख्या नोट कर ले।
सामान्य तो दाखिल खारिज प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 90 दिन लगते हैं समय मामले की जटिल तोड़ दस्तावेजों की पूर्णता पर निर्भर करता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *