राष्ट्रीयराजमार्गो के विकास रखरखाव के लिए NHAI की स्थापना की गई है। NHAI देश के कई राज्यों के हाईवे को टेकओवर करता था और उसे NH बनाता था। लेकिन अब हाल ही में NHAI ने नई गाइडलाइन जारी की है इस गाइडलाइन में बताया गया है की अब राज्यों के हाइवे को नेशनल हाईवे नहीं बनाया जाएगा। इस गाइडलाइन मेंNHAI की ओर से ऐसा न करने के पीछे की वजह बताई है।
मंत्रालय ने किया स्पष्ट
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फैसले में कहा की अब वो NH अथॉरिटी बनाएगा और वह खुद ही उसकी देखभाल करेगा। मंत्रालय ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि ,जब राज्य की हाईवे को नेशनल हाईवे का दिया जाता हैतो ऐसा करने के बाद उसे NH के मानकों के अनुसार बनाना होता है। कई बार ऐसा होता है कि नए हाईवे शहरों के अंदर से होकर जाते हैं जिससे हाईवे को चौड़ा करने में दिक्कत होती है ऐसा करने में कई तरह की परेशानी होती है। इन सबको देखते हुए यह फैसला गया है। मंत्रालय का कहना है कीअगर किसी शहर में ज्यादा जरूरत महसूस की गई तो वहां पर ग्रीन फील्ड हाईवे की निर्माण आसानी से कराया जा सकता है। इसका निर्माण काफी बेहतर होगा।
देशभर में कुल इतने हैं नेशनल हाइवे-
भारत में सड़क व्यवस्था का वर्गीकरण 3 इस समय किया गया इन तीन हिस्सों में नेशनल हाईवे एक्सप्रेसवे और स्टेट हाईवे में बांटा गया । बता दे केंद्र सरकार की ओर से नेशनल हाईवे को भी घोषित किया जाता है। दुनिया का सबसे दूसरा सबसे बड़ा शहर नेटवर्क भारत में है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 6,331,791 किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क है जिसमें से 1,45,240 किलोमीटर नेशनल हाईवे यानी NH पर 40% ट्रैफिक चलता है NHAI द्वारा NH की देखभाल की जाती है और देश भर में देशभर में कुल 599 नेशनल हाईवे हैं।
किस तरह होती है राज्य सड़क एनएच-
NHAI की ओर से अगर किसी राजकीय राजमार्ग या एक्सप्रेसवे को एनएच बनाना होता है तो इसके लिए सबसे पहले प्रदेश सरकार को केंद्र से अनुमति लेनी होती है। ऐसा करने के लिए भी कई प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। बता दें कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा-2 के तहत किसी सड़क को एनएच ऐलान करती है।