सोलर सिस्टम की लोक्प्रोयता आज के समय बहुत बढ़ गई है। ज्यादाघरो एवं व्यावसायिक क्षेत्र में सोलर पैनल लगे हुए देखे जा सकते है। सोलर सिस्टम को स्थापित करने के बाद यूजर अपनी बिजली की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं और बिजली बिल को भी काम कर सकते हैं। सोलर पैनल को खुद से स्थापित किया जा सकता है। पैनल को लगाने के बाद बिजली के बिल को कम कर सकते हैं। सरकार द्वारा भी नागरिकों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी योजना के माध्यम से प्रेरित किया जा सकता है ।
सोलर सिस्टम में सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में पैनल एवं सोलर इनवर्टर शामिल होते हैं। इन दोनों का ही प्रयोग सभी प्रकार के सिस्टम में किया जाता है। मुख्यतः तीन प्रकार के सोलर सिस्टम लगाए जा सकते हैं।
ऑनग्रिड सोलर सिस्टम
इस प्रकार के सोलर सिस्टम में पैनल से जनरेट होने वाली बिजली को सीधे ही ग्रिड को ट्रांसफर किया जाता है। एवं ग्रिड की बिजली का उपयोग ही यूजर द्वारा किया जाता है। इस सिस्टम में आदान-प्रदान होने वाली बिजली की गणना नेट मीटर से की जाती है।
ऑफग्रिड सोलर सिस्टम (Off-Grid Solar System):
इस प्रकार के सोलर सिस्टम में पैनल, इंवर्टर के साथ में बैटरी को भी कनेक्ट किया जाता है। इस सिस्टम को लगाकर पावर बैकअप किया जा सकता है। ज्यादा बिजली कटौती वाले स्थानों के लिए यह सिस्टम बेस्ट रहता है।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम
यह एक एडवांस सोलर सिस्टम है, इस सिस्टम में बैटरी और नेट मिटरिंग दोनों ही की जाती है। ऐसे सिस्टम को लगाकर हर समय बिजली का उपयोग किया जा सकता है।
अब खुद से लगाए सोलर पैनल सोलर पैनल से इनवर्टर में बैटरी को जोड़ने के लिए 6mm या 10mm वाली वायर का प्रयोग किया जाता है।
इस प्रयोग आने वाली वायरस की अधिकतम लंबाई 10-12 मीटर तक हो सकती है। इससे अधिक लंबाई होने पर पावर लॉस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
सोलर पैनल को पैनल स्टैंड एवं फ्रेम की सहायता से इंस्टॉल किया जाता है जिसे भी तेज हवा और आंधी तूफान में भी सुरक्षित रह सकते हैं।
सिस्टम में प्रयोग होने वाली वायर को सुरक्षित रखने के लिए फिटिंग पाइप का प्रयोग कर सकते हैं।
पैनल एवं बैटरी के एक समान टर्मिनल को ही वायर कनेक्टर की सहायता से जोड़े बैटरी से निकलने वाले वायर को कनेक्टर से कनेक्ट करें एवं घर की में इलेक्ट्रिक बोर्ड को कनेक्ट करके बिजली का प्रयोग करें।
सोलर सिस्टम को घर में स्थापित करने से पहले बिजली को सही लोड की जानकारी होना आवश्यक है। बिजली के लोड की जानकारी बिजली के बिल इलेक्ट्रिक मीटर की सहायता सेप्राप्त कर सकते हैं।