केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सोमवार 3 फरवरी 2025 को घोषणा की शुक्रवार नेशनल हाईवे पर यात्रियों को रात देने के लिए एक समान टोल नीति पर काम कर रही है । इससे टोल टैक्स से जुडी समस्याओं का समाधान होगा और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा। उन्होंने यह भी का की भारत का हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के स्तर पर पहुंच गया जिससे देश के परिवहन नेटवर्क में सुधार हुआ है।
नेशनल हाईवे पर एक समान टोल नीति क्यों जरूरी है
बढ़ती टोल दरोंसे असंतोष नेशनल हाईवे पर अधिक टोटल और खराब सड़क सुविधाओं की कहानी यात्री असंतुष्ट है।
वाहनों के अनुपात में टोल संग्रह मेंअसमानता – कुल यातायात में निजी कारों की हिस्सेदारी 60% है लेकिन टोटल संग्रह में उनका योगदान केवल 20 से 26 परसेंट है।
टोल संग्रह में तेजी से हो रही वृद्धि -2023-24 में भारत में कुल टोल संग्रहटोल संग्रह 64,809.86 करोड़ रूपये तक पहुंच गया जो पिछले साल की तुलना 35% अधिक है।
नई टोल प्रणाली लागू करने की योजना सरकारजीएनएसएस-आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने की दिशा में काम कर रही है जिससे टोल भुगतान अधिक पारदर्शी और सुचारु हो जाएगा।
सड़क बुनियादी ढांचे में भारत की बड़ी छलांग
हर दिन 37 किलोमीटर पर राजमार्ग बनाने का लक्ष्य -नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार 2020-21 का रिकॉर्डतोड़ने की और बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में अब तक 7000 किलोमीटर राजमार्ग पूरे हो चुके है।
बिना कैबिनेट की मंजूरी की नई परियोजनाओं पर रोक – भारतमाला परियोजना की जगह कोई नई योजना नहीं होने से राजमार्ग परियोजनाओं की मंजूरी की गति धीमी हो गई। अब 1000 करोड़ रूपये से अधिक की किसी भी परियोजना को कैबिनेट से मंजूरी नहीं लेनी होगी।
50 से 60 हजार करोड़ की परियोजनाओं का मंजूरी का इंतजार कर रही है –नितिन गडकरी के मुताबिक , सरकार ने 50000 से 60000 करोड़ रूपये की नई राजमार्ग परियोजनाओं की प्रस्ताव केबिनेट को भेजें है जिनकी स्वीकृत होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे।
यात्रियों को क्या होगा फायदा
टोल भुगतान सरल और पारदर्शी होगा।।
यात्रियों को टोल बूथ रुकने की जरूरत नहीं होगी।
एक समान टोल शुल्क से अनावश्यक शुल्क का बोझ कम होगा।
बेहतर राजमार्ग नेटवर्क से यात्रा में समय और ईंधन की बचत होगी।