मौसम विभाग ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण अगले दो-तीन दिनों के दौरान ओडिशा ,आंध्र प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,तेलंगाना में बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। गुजरात के भारी- बारिश से राहत मिल गयी है। गुजरात में गहरा दबाव “चक्रवाती तूफान असना”बदल गया। हालांकि ‘असना’पर कोई बड़ा कर डाले बिना अरब सागर की ओमान की ओर बढ़ गया।
3 से 5 सितंबर के दौरान भारी बारिश होने के असर है
भारतीय भाषा विज्ञान विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार ,पश्चिम और मध्य भारत में सप्ताह के दौरान हल्की मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है। विर्दभ में एक 1 और से 2 सितंबर को छत्तीसगढ़ में 31 अगस्त को 1 सितंबर को ,पूर्वी मध्य प्रदेश में 2 सितंबर को ,गुजरात में 2 से 4 सितंबर के दौरान पश्चिम मध्य प्रदेश में 3 सितंबर को और महाराष्ट्र में 3 से 5 सितंबर के दौरान भारी बारिश होने के असर है।
7 दिनों के दौरान मध्य भारत और मध्य महाराष्ट्र में भारी वर्षा की संभावना है।
मौसम विभाग ने कहा कि , अगले 7 दिनों के दौरान मध्य भारत और मध्य महाराष्ट्र में भारी वर्षा की संभावना है। 1 से 5 सितंबर के दौरान कोंकण और गोवा ,गुजरात एक से तीन सितंबर के दौरान महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में और 2 से 4 सितंबर के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ में वर्षा हो सकती है। विभाग के अनुसार , नागालैंड , मणिपुर ,मिजोरम ,तिरुपुर अंडमान निकोबार द्वीप समूह , उड़ीसा के माध्यम वर्ष होने की संभावना है।
उड़ीसा में भी 30 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है
उड़ीसा में भी 30 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। उत्तर पश्चिम भारत में जम्मू कश्मीर ,लद्दाख ,उत्तर हिमाचल प्रदेश ,उत्तराखंड ,पूर्वी राजस्थान में इस सप्ताह में छिटपुट से लेकर मध्यम बारिश होने के आसार है। सप्ताह के दौरान उत्तर प्रदेश ,हरियाणा, चंडीगढ़ ,दिल्ली ,पंजाब ,पश्चिम राजस्थान में छिटपुट वर्षा की संभावना है। 2 से 3 सितंबर को जम्मू कश्मीर लद्दाख में छिटपुट वर्षा की संभावना है।
1 से 5 सितंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान और 4 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान में बारिश हो सकती है
1 से 5 सितंबर के दौरान पूर्वी राजस्थान और 4 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान में बारिश हो सकती है वहीं 2 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश पंजाब और हरियाणा में 2 से 4 सितंबर के दौरान उत्तराखंड और एक से तीन सितंबर के दौरान उत्तर प्रदेश में बारिश हो सकती है। गुजरात के अधिकांश हिस्से में बरसिह कम हो गई है लेकिन कई शहर और गांव में ओपन तीन नदियों के कारण जल भराव की समस्या बनी हुई है।