यह प्रस्ताव महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और यौन उत्पीड़न की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। आयोग की सदस्य हिमानी अग्रवाल ने बताया कि प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है ,खासकर जब वे कपड़े सिलवाने फिटिंग करवाने जाते हैं।
सुरक्षाउपाय
महिला आयोग की प्रस्ताव के साथ अन्य सुरक्षा उपाय को सुझाव दिया है जैसे
महिला जिम और योग केन्द्रो में केवल महिला प्रशिक्षकों का होना।
स्कूल बसों में महिला सुरक्षा गार्ड या शिक्षिका का होना अनिवार्य।
बुटीक और कपड़ों की दुकानों में महिला कर्मचारी की उपस्थिति।
सीसीटीवी कैमरा की अनिवार्य रूप से स्थापित होना।
इन उपायों का उद्देश्य ने केवल महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सुरक्षित महसूस भी कराना है।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस प्रस्ताव पर विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता और समुदायों से मिश्रित का प्रतिक्रियाएं आयी है कुछ लोगों इसे सकारात्मक कदम मानते हैं। जबकि कुछ इसे भेदभाव पूर्ण भी मानते है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता बीना अग्रवाल ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम महिलाओं के लिए एक सहायक वातावरण बनाने मेंमदद करेगा।
हालांकि, यह प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में है और इसकी व्यवहार्यता पर चर्चा जारी है। एक बार जब इसे मंजूरी मिल जाएगी, तो इसे सरकारी नीति के रूप में लागू करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। शमली जिले के प्रॉबेशन अधिकारी हमीद हुसैन ने पहले ही निर्देश जारी किए हैं कि सभी संबंधित संस्थानों को इन दिशानिर्देशों को अपनाना शुरू करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का यह प्रस्ताव न केवल महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता बढ़ाने का भी प्रयास करता है। यह कदम समाज में महिलाओं की स्थिति को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है।