घर में लगा रहे है 1 . 5 kw का सोलर पैनल तो यहां जाने इसके लगाने प्रोसेस और खर्चा

Saroj kanwar
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आज के समय बिजली जरूरत बन गई है। ज्यादातर काम के लिए बिजली की जरूरत होती है। इसके कारण कई लोग भारी बिजली के बिल से भी परेशान है। इन कोस्ट को कम करने के लिए कई लोग सोलर पैनल जैसे रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स पर अपनी निर्भरता बढ़ा रहे हैं। इसकी मदद से भी अपनी बिजली की जरूरत को शिफ्ट कर रहे हैं। सोलर पैनल सूर्य एनर्जी को कैप्चर करके बिजली में कन्वर्ट करते हैं। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे एक 1.5 kW के सोलर सिस्टम के लिए कितना खर्चा आता है।

अच्छी एफिशिएंसी के साथ परफॉर्म डिलीवर करते हैं

आज बाजार के कई मॉडर्न टाइप के सोलर पैनल अवेलेबल है और एक बार सही तरीके से लगाए जाने के बाद यह पैनल 25 से 30 साल तक अच्छी एफिशिएंसी के साथ परफॉर्म डिलीवर करते हैं।सोलर पैनल के उपयोग से फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करते हैं और पर्यावरण को साफ़ और सुरक्षित रखने में भी कंट्रीब्यूशन करते हैं क्योंकि सोलर पैनल बिना प्रदूषण पैदा किए बिजली पैदा करते हैं। अगर आपके घर का डेली बिजली लोड लगभग 7-8 यूनिट है तो आप डेढ़ kw सोलर सिस्टम लगाकर अपने बिजली की जरूरत को पूरा कर सकते हैं।

मोनो मोनोक्रिस्टलाइन या बाइफेसियल सोलर पैनल का भी ऑप्शन चुन सकते हैं

उदाहरण के लिए अगर आपके पास 1HP का सबमर्सिबल पंप है तो आप इस सोलर पैनल का इस्तेमाल करके इसे चला सकते हैं। इस सिस्टम को इंस्टॉल करने के लिए आप 160W, 250W या 415W सोलर पैनल का उपयोग कर सकते हैं। डेढ़ kw सोलर पैनल सिस्टम हर महीने 200 यूनिट तक बिजली जनरेट कर सकता है जिससे आपका बिजली बिल काफी कम हो जाता है। पॉलीक्रिस्टलाइन सोलर पैनल सिस्टम के लिए एक अच्छा ऑप्शन है क्योंकि ये एडवांस और कॉस्ट इफेक्टिव होते हैं अगर आपका बजट ज्यादा है तो आप मोनो मोनोक्रिस्टलाइन या बाइफेसियल सोलर पैनल का भी ऑप्शन चुन सकते हैं।

सोलर पैनल डायरेक्ट करंट में पावर जेनरेट करते हैं

सोलर पैनल डायरेक्ट करंट में पावर जेनरेट करते हैं और घर की ज्यादा तर इक्विपमेंट अल्टरनेटिंग करंट पर काम करते हैं। DC को AC में बदलने के लिए इनवर्टर का उपयोग किया जाता है एक 1.5kW सोलर सिस्टम में आप एक 1800 VA तक का इन्वर्टर लगा सकते हैं जो आपके सिस्टम का लोड आसानी से हैंडल कर सकता है जो आपके सिस्टम को लोड आसानी से हैंडल कर सकता इससे आप आने वाले समय में सिस्टम को एक्सपेंड कर सकते हैं। बाजार में pwm और mppt के टेक्नोलॉजी के इन्वर्टर लगा सकते हैं।

बैटरी चलना जरूरी है जिससे आप अच्छा पावर बैकअप ले सकते हैं

सोलर सिस्टम द्वारा जनरेट की गई बिजली को स्टोर करने के लिए आपको सोलर बैटरी की नीड होती है। अपने सिस्टम के लिए सही बैटरी चलना जरूरी है जिससे आप अच्छा पावर बैकअप ले सकते हैं। दिन के दौरान प्रोड्यूस की गई बिजली को बाद में उपयोग के लिए बैटरी में स्टोर किया जा सकता है। एक डेढ़ kw सोलर सिस्टम में आप अपनी जरूरत है कि आधार पर 100Ah, 150Ah या 200Ah की कैपेसिटी वाली सोलर बैटरी लगा सकते हैं।

सोलर सिस्टम इनस्टॉल करने के लिए इन्सेन्टिवाइसकरने के लिए सब्सिडी ऑफर करती है

केंद्र और राज्य सरकार नागरिकों की सोलर सिस्टम इनस्टॉल करने के लिए इन्सेन्टिवाइसकरने के लिए सब्सिडी ऑफर करती है। एक 1.5kW पैनल सिस्टम के लिए आप 70% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं और आपके कॉस्ट का केवल 30% कवर करना होगा। इस सब्सिडी का लाभ उठा कर आप सोलर सिस्टम के लिए इन्वेस्टमेंट को काफी कम कर सकते हैं। इससे ज्यादा नागरिकों के लिए अपनी छतों या अन्य जगह पर सोलर पैनल लगाना आसान हो जाता है।

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