आज के समय ज्यादा लोग भी सिम कार्ड का उपयोग करते हैं। इनमे से एक सिम को कॉलिंग और डाटा के लिए नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता है जबकि दूसरी सिम बैकअप के रूप में रखी जाती है। लेकिन सेकेंडरी सिम को एक्टिव रखने के लिए महंगे रिचार्ज प्लान लेना एक बड़ी चुनौती बन गया है । इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ट्राई ने नियम लागू की है जो सेकेंडरी सिम यूजर्स को राहत देंगे।
ट्राई का नया नियम
ट्राई के नए नियमो के अनुसार यदि कोई सिम 90 दिनों तक उपयोग में नहीं आता है तो उसे डिएक्टिवेट माना जाएगा। हालांकि पूरी तरह से डीएक्टिव करने से पहले यूजर को 20 दिनों का अतिरिक्त समय दिया जाएगा ताकि वह सिम को रिचार्ज कर सके।
बैलेंस होने पर कटेगा 20 रूपये
अगर सिम में बैलेंस बचा है तो इससे एक्टिव बनाए रखने के लिए 30 दिनों तक ₹20 काटे जाएंगे। इस प्रक्रिया के जरिए सिम को डीएक्टिवेट होने से बचने का मौका मिलेगा।
डीएक्टिव होने के बाद क्या होगा
यदि सिम 90 दिनों तक का उपयोग में नहीं आता है तो उसे बैलेंस भी नहीं है तो उसे डीएक्टिव कर दिया जाएगा। उसके बाद उस सिम को रीसाइकिल कर किसी अन्य यूजर को आवंटित किया जाएगा।
15 दिनों का ग्रेस पीरियड
सिम को फिर से एक्टिवेट कराने के लिए 15 दिनों का ग्रेस पीरियड दिया जाएगा। इस दौरान यूजर कस्टमर सर्विस में से संपर्क करके या कंपनी के स्टोर पर जाकर सिम को दोबारा चालू कर सकते हैं।
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0
सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 लॉन्च किया है। इस मिशन के तहत 2030 तक देश के 2.70 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी।
ट्राई के नए नियम के फायदे
अब सेकेंडरी सिम को एक्टिव रखने के लिए महंगे रिचार्ज प्लान की जरूरत नहीं होगी. यह नियम उन यूजर्स के लिए बड़ी राहत है, जो सेकेंडरी सिम का इस्तेमाल सीमित रूप से करते हैं।