भारत में पेट्रोल और डीजल के साथ सीएनजी से चलने वाली कारों का काफी ज्यादा उपयोग होता है। भले ही सीएनजी कार को चलाना थोड़ा सस्ता पड़ता है लेकिन ऐसी कारों से कुछ नुकसान भी होते हैं। सीएनजी कारों के साथ किस तरह के नुकसान होते हैं हम इसकी जानकारी आपको दे रहे हैं ।
सामान रखने में परेशानी
सीएनजी कार का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है की ईंधन से कार को चलाने के लिए अलग से सिलेंडर कार में फिट करना पड़ता है जिस कारण कार में सामान रखने में काफी ज्यादा परेशानी होती है। कार की डिग्गी में सीएनजी के सिलेंडर को लगाया जाता है जिसके बाद कार में सामान के साथ सफर करना मुश्किल होता है।
पिकअप में कमी
सीएनजी कार का पिकअप पेट्रोल कर के मुकाबले कम होता है कंपनी में सीएनजी के साथ आने वाली कारों में इस तरह से सेटिंग की जाती है। लेकिन पुरानी कार में सीएनजी किट लगवाने के बाद पिकअप में कमी को साफ तौर पर महसूस किया जाता है। कई बार जरूरत के समय पिकअप और पावर कम होने से परेशानी हो सकती है।
सर्विस न करने से होगी परेशानी
अगर सीएनजी कार की सर्विस को समय पर नहीं करवाया जाता है तो इससे इंजन के कुछ पार्ट काफी जल्दी खराब हो जाते हैं। लगातार इस तरह की लापरवाही के कारण कार का इंजन भी सीज हो सकता है। आमतौर पर सर्विस के दौरान पेट्रोल इंजन की सेटिंग की जाती है। वही सीएनजी के लिए अलग से सेटिंग को करवाया जाता है।
सुरक्षा पर खतरा
सीएनजी का का सही तरह से ध्यान ना रखा जाए तो फिर इसकी सुरक्षा पर भी खतरा बढ़ जाता है। कार पर में सीएनजी सिलेंडर पाइप होती है जिसके जरिए सीएनजी को सिलेंडर तक और फिर सिलेंडर से इंजन तक पहुंचाया जाता है। अगर उनकी नियमित तौर पर देखभाल न की जाए तो लीकेज की समस्या हो सकती है। अगर लीकेज समस्या हो जाए तो फिर आग लगने जैसे कई खतरे भर जाते हैं। इससे बचने के लिए सीएनजी कार के सिलेंडर को हर 3 साल में टेस्ट करवाया जा सकता है।