धार्मिक शास्त्रों में शालिग्राम को विष्णु भगवान का विग्रह माना गया है। विष्णु पुराण के अनुसार , जो व्यक्ति शालिग्राम को घर में स्थापित करते हैं उन्हें विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। रोजाना उसकी पूजा पाठ करने से घर में सुख शांति की प्राप्ति होती है । घर में शालिग्राम की स्थापना होने पर तीर्थ के समान होता है। ऐसे घर में सुख समृद्धि खुशहाली की कभी कमी नहीं होती है। यदि आप भी अपने घर में शालिग्राम रखना चाहते हैं तो सबसे पहले से जुड़े नियम जानना बहुत जरूरी है।इसके लिए विस्तार से जानते हैं ।
शालिग्राम को स्थापित करने से पहले की नियमों का पालन करना जरूरी है।
ज्योतिशाश्त्र के अनुसार ,घर में कभी भी शालिग्राम को स्थापित करने से पहले इस बात का ख्याल रखें की हमेशा खरीद कर ही अपने घर में स्थापित करें। किसी से उपहार से कभी नहीं लेना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार , घर में शालिग्राम हमेशा एक ही होना होना चाहिए। यदि आपके घर में एक से ज्यादा शालिग्राम है तो क्षमा मांगते हुए नदी में बहादे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ,शालिग्राम की पूजा करते वक्त अक्षत इस्तेमाल न करें। यदि आप अक्षत चढ़ाना चाहते हैं तो हमेशा पीले रंग के अक्षत का इस्तेमाल करें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ,जिस घर में शालिग्राम स्थापित होता है उसे घर में मांस ,मदिरा आदि नशे से जुड़े चीजों का सेवन वर्जित माना गया। इससे इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
ज्योति शाश्त्र के अनुसार ,शालिग्राम को तुलसी के पौधे के साथ रखना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शालिग्राम को रोजाना पंचामृत में स्नान करवाना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है।