बारिश और ओलावृष्टि ने कर दी आपकी फसल खराब तो सरकार दे रही है आपको नुकशान का मुआवजा ,यहां जाने कैसे उठाये लाभ

Saroj kanwar
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बीते दिनों हुई बारिश 16 बारिश जगह से फसल नुकसान के समाचार आए हैं। मुख्य रूप से हरियाणा में बारिश व ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की बात सामने आई है। इसमें किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों की फसल नुकसान भरपाई के लिए प्रभावित क्षेत्र में विशेष सर्वे जिसे गिरदावरी भी कहा जाता है। कराने के आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा ,किसानों की फसलों को यह नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए विशेष गिरदावरी करके खराब हुई फसल का आकलन का उचित मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि , तेज बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल के लिए प्रदेश भर में स्पेशल गिरदावरी की जाएगी। इसके बाद सभी जिलों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर किसानों को जल्द मुआवजा राशि जारी की जाएगी। ऐसे में किसान फसल की जानकारी दर्ज करवाकर विशेष गिरदावरी करवा कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।

1 फरवरी से गिरदावरी का काम शुरू कर दिया गया है

हरियाणा में ओलावृष्टि से फसल को नुकसान की सटीकता का आकलन के लिए प्रदेश में 1 फरवरी से गिरदावरी का काम शुरू कर दिया गया है जो 1 मार्च तक जारी रहेगा। ओलावृष्टि से फसल नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं। प्रदेश के किसान फसल में यह नुकसान की रिपोर्ट राजस्व विभाग के ई-मुआवजा पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। बीते दिनों भिवानी जिले के इंदौर के दौरान मुख्यमंत्री खट्टर कृषि एवं कल्याण मंत्री जेपी दलाल के साथ टिकराना गांव पहुंचे और वहां किसानों की फसल में हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत हुई कि उन्होंने किसानों से कहा कि किसान ‘ मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर आवश्यक रूप से पंजीकरण कराया ताकि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी अपनी फसल में हुए नुकसान की जानकारी अपलोड करते हुए विशेष गिरदावरी के अनुसार मुआवजा प्राप्त कर सके।

उन्होंने विश्वास दिलाया की लेकिन राज्य सरकार किसानों के साथ है। इस दौरान उन्होंने गाँव धनाना स्थित अनाज खरीदने के लिए बने यार्ड का भी निरीक्षण किया। इसमें पूर्व हरियाणा के मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि ,2019 से 2024 तक फसल नुकसान के मुआवजे के रूप में प्रदेश के किसानों के खाते में 1600 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में संबंध में कहा कि प्रदेश सरकार ने इसकी 1 साल से अधिक समय पहले शुरुआत की है। राजस्व विभाग के लिए जिला स्तर पर डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि ,वित्तीय आयुक्त राजस्व तहसील और उप तहसील कार्यालय के राजस्व रिकॉर्ड को 31 मार्च तक डिजिटल कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग अपनी जमीन और राजस्व संबंधी दस्तावेजों को केवल सिंगल क्लिक के जरिए ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इससे पुराने लिखित कार्य को व्यवस्थित करने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

किसान मछली पालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं

जिन क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति बनी रहती है। उन क्षेत्रों में किसान मछली पालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। एक जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ खेतों में पानी के नियमितता बना रहता है। वहां किस परम्परागत किसान के खेती के अपेक्षा मछली पालन का व्यवसाय शुरू करके अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मछली पालन में झींगा मछली का पालन करके प्रति एकड़ करीब ₹200000 प्रति वर्ष की कमाई की जा सकती है। ऐसे में जल भराव वाले क्षेत्र का सदुपयोग करके काफी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है।

किसानों को फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई गई है। यह योजना अधिंकाश राज्यों में लागू है। हरियाणा में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान पर मुआवजा मिलता है। यह योजना साल 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत धर्मशाला को किसान अपनी फसल का बीमा करवा कर मौसम में हुए नुकसान का मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी की फसलों के लिए 2% खरीद की फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत व वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम तय किया गया है।

किसानों के लिए फसल मुआवजा से संबंधित महत्वपूर्ण लिंक


प्रधानमंत्री फसल बीमा येाजना की आधिकारिक वेबसाइट लिंक- https://pmfby.gov.in/
मेरी फसल मेरा ब्यौरा में पंजीकरण हेतु लिंक- https://fasal.haryana.gov.in/
फसल नुकसान की रिपोर्ट अपलोड करने हेतु लिंक- https://ekshatipurti.haryana.gov.in/

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