टू व्हीलर चलाने वालों के लिए हेलमेट पहना कानून अनिवार्य होने के साथ ही पैसेंजर की सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी और बहुत से लोग इसे पहनना झंझट समझते हैं और बहुत से लोग चालान से बचने के लिए भी कोई भी हेलमेटखरीद लेते है। यह लोग न हेलमेट की क्वालिटी को चेक करते हैं ना यह सोचते हैं कि खराब क्वालिटी का हेलमेट उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। वही देश में बिक रहे बहुत से हेलमेट में 25 से ज्यादा हेलमेट तय मानकों पर खरा नहीं उतरते हैं। हम यह आपको बता रहे हैं कि आप किस तरह से नकली और असली हेलमेट की पहचान कर सकते हैं।
सर्टिफिकेशन मार्क्स
असली हेलमेट में हमेशा BIS का ISI मार्क बना हुआ होता है। यह मार्क हेलमेच की क्वालिटी और सुरक्षा के मानकों के मुताबिक चेक किये जाने का प्रमाण होता है। नकली हेलमेट पर यह मार्क गलती तरीके से लगाया जाता है। इसके साथ ही CM/L नंबर भी होता है जिसे आप भी इसकी वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं।
ब्रांड और वैकेंसी
जब किसी भी कंपनी का हेलमेट खरीदें तो उसकी पैकेजिंग ,लोगो और लेबलिंग को जरुर चेक करें। असली हेलमेट का पैकेजिंग साफ़ और पेशेवर तरीके से की जाती है जबकि नकली की पैकेजिंग खराब प्रिंटिंग, गलत स्पेलिंग सहित दूसरी चीजों को भी देखने के लिए मिल सकती है।
वजन और फिटिंग
एक असली हेलमेट का वजन संतुलित होता है। इतना ही नहीं यह सर में अच्छी तरह से भी फिट होता है। नकली हेलमेट में अक्सर देखने के लिए मिलता है वह काफी हल्की औरअनफिटिंग होते हैं। साथ इनका स्ट्रेप और लॉकिंग सिस्टम में कमजोर और बेहद कम क्वालिटी का होता है।
ट्रस्टेड विक्रेता से खरीदे
हेलमेट हमेशा प्रामाणिक और भरोसेमंद विक्रेता से ही खरीदे। अगर आप ऑनलाइन खरीदते समय भी और उसे वेबसाइट या विक्रेता का चयन करें। अगर हेलमेट की कीमत बहुत कम है यह ऑफिशल स्टोर से नहीं खरीदा गया तो उसके नकली होने की संभावना ज्यादा हो सकती है।