देश में किसान हर साल बड़ी मेहनत से अपनी फसल को तैयार करते हैं। लेकिन कई बार कीट व रोगो के प्रकोप को देखते ही देखते उसकी फसल बर्बाद हो जाती है और वह चाहते हुए भी फसल को बचा नहीं पाते। इससे किसानो की मेहनत पर पानी फिर जाता है। लेकिन अब सरकार की ओर से किसान की तकलीफ को समझा जाता है इस कीटनाशक के छिड़काव पर भारी सब्सिडी देने का फैसला लिया है। किसान सरकारी योजना का लाभ उठाकर कीटनाशक छिड़काव मोटे खर्च मुक्त हो सकता है। इस पोस्ट में इन किसानों को कीटनाशक छिड़काव से सब्सिडी मिलेगी। किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
इन दिनों रबी फसलों की कटाई का अंतिम चरण चल रहा है
देश और इन दिनों रबी फसलों की कटाई का अंतिम चरण चल रहा है। कई राज्य में किसानों ने गरमा सीजन में धान में उड़द सूरजमुखी मक्का हरा चारा साग सब्जी की खेती की तैयारी शुरू कर दी है वहीं कई राज्यों में बागवानी फसलों के तहत आम की पेड़ों पर लटके हुए हैं बिहार सरकारी अपने राज्य में बागवानी फसलों पर विशेष फोकस कर रही है। बिहार में आम ,लीची ,अमरुद , जामुन ,कटहल किले की खेती करने वाले किसानों को 50% सब्सिडी जा रही है। ऐसे भी बागवानी फसलों की रकबा लगातार बढ़ रहा है। बिहार में बागवानी किसानों को कीटो रोगों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सरकार कीटनाशक की सरकार पर सब्सिडी दे रही है। आम, लीची व अमरूद उत्पादक किसान सरकार की इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
बिहार सरकार काफी लम्बे समय से पारंपरिक फसलों की बजाय बागवानी पशुओं की खेती को प्रोत्साहन दे रही है
बिहार सरकार काफी लम्बे समय से पारंपरिक फसलों की बजाय बागवानी पशुओं की खेती को प्रोत्साहन दे रही है। अब इसका असर जमीनी स्तर पर दिखने लगा है। बिहार के किसान एकीकृत बागवानी विश्व विकास मिशन योजना और मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना का सब्सिडी का फायदा उठा रहे हैं। लीची ,मखाना , मशरूम ,और भिंडी के उत्पादन में बिहार देश का नंबर वन राज्य बन गया। इस समय सरकार का ध्यान आमतौर पर लीची की फसल पर राज्य सरकार आम के पेड़ों को कीटों से बचने के लिए अपने स्तर पर कीटनाशक का छिड़काव करवाएगी। बिहार उद्यान निदेशालय ने आम, लीची और अमरूद के फूलो और पौधों की कीटो से रोगों से बचाने उत्पादन को बढ़ाने के लिए यह स्कीम शुरू की है। इसके लिए सरकार 8 करोड़ 54 लख रुपए खर्च करेगी।
आम के पेड़ पर कीटनाशक का छिड़काव फ्रूट फ्रूट ड्रॉप मैनेजमेंट तकनीक से किया जाएगा
बिहार में आम की बागवानी करने वाले किसान हर साल कीट लगने के कारण नुकसान उठाते हैं। कीट लगने के बाद मंजर और पके आम पेड़ से गिरने की समस्या और सामने आती है। फलों पर महुआ और दहिया कीट का प्रभाव इसे रोकने के लिए मंजर के बाद आने वाली अवस्था में आम के पेड़ पर कीटनाशक का छिड़काव फ्रूट फ्रूट ड्रॉप मैनेजमेंट तकनीक से किया जाएगा।
बिहार देश में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य यहां दरभंगा ,मधुबनी ,मुंगेर ,भागलपुर ,समस्तीपुर ,सीतामढ़ी सहित कई जिलों में किसानों की खेती करते हैं। आम के पेड़ो में दो बार कीटनाशक छिड़काव की जरूरत होती है। पहली बार कीटनाशक का छिड़काव करने की जरूरत रहती है पहली बार कीटनाशक छिड़काव कराने 76 रुपए व दूसरी बार छिड़काव करने पर 92 रुपए प्रति पेड़ के हिसाब से खर्च आता है।
बिहार सरकार ने आम सीजन में किसानों की मदद के लिए पहले छिड़काव 57 रुपए में दूसरे सरकार 72 रुपए की सब्सिडी देने का फैसला किया है। प्रदेश का एक किसान अधिकतम 112 पेड़ों पर छिड़काव के लिए सब्सिडी का लाभ उठा सकता है। यहां के भागलपुर का जर्दालू आम पूरे देश में प्रसिद्ध है।
अमरूद के पेड़ों की सुरक्षा के लिए सरकार से सब्सिडी का लाभ उठा सकता है
बिहार के अलावा आम के अलावा लीची ,अमरुद उत्पादक किसानों को सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। लीची किसानों को पहले छिड़काव पर 162 रुपये दूसरे छिड़काव 162 रूपये की सब्सिडी की सरकार से मिलेगी। किसान अधिकतम 84 पेड़ो के लिए सबसे ज्यादा लाभ उठा सकता है। किस 56 रुपए में उनकी सुरक्षा के लिए सरकार की सब्सिडी का लाभ उठा सकता है। एक किसान 56 अमरूद के पेड़ों की सुरक्षा के लिए सरकार से सब्सिडी का लाभ उठा सकता है।