किसान खेती किसानी के काम में कम समय पूरा कर आदमी बढ़ा सके। इसके लिए सरकार द्वारा आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कड़ी में बिहार सरकार नेड्रोन दीदी योजना के तहत राज्य में 80% की सब्सिडी पर 201 ड्रोन देने जा रही है। यह ड्रोन की राज्य की जीविका दीदियों को दिये जाएँगे। जिससे जीविका दीदी अब ड्रोन उड़ाकर किसानों की मदद करेंगी और खेतों से अन्न पैदा करने में सहभागी भी बनेंगी।
गुरुवार को बामेती में बामेती में जीविका ड्रोन दीदियों के एक दिवसीय कार्यशाला ड्रोन उड़ाएगी
राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने गुरुवार को बामेती में बामेती में जीविका ड्रोन दीदियों के एक दिवसीय कार्यशाला ड्रोन उड़ाएगी तो गांव का दृश्य पूरी तरह से बदल जाएगा। योजना के तहत मुख्य आयोग के रूप में कृषि ड्रोन खरीदने के लिए लागत मूल्य 80% या₹800000 का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। शेष राशि ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। बैंक के पास ऋण तीन फीसदी की ब्याज छूट मिलेगी। इसके लिए बिहार इफ़को को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया। चयनित स्वयं सहायता समूह को मान्यता प्राप्त संस्थान जैसे बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर, भागलपुर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर और राष्ट्रीय प्रबंधन संस्थान बिहटा, पटना में 15 दिनों का ड्रोन पायलट प्रशिक्षण कराया जाएगा। कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि , इस साल कृषि विभाग राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य की सभी १०१अनुमंडलो में एक-एक कृषि ड्रोन की व्यवस्था अनुदानित दर पर करेगा। यह ड्रोन इन पीपीडी मोड योजना के तहत अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जाएगा।
201 ड्रोन वितरण करने का रखा गया है लक्ष्य
ड्रोन दीदी योजना के प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन एवं सतत निगरानी के लिए कृषि सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी गठित की गई है। मंत्री ने कहा कि कृषि के आधुनिक बनाने और महिलाओं की सशक्तिकरण के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ड्रोन दीदी योजना संचालित करने का निर्णय लिया है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशक्त नारी विकसित भारत कार्यक्रम के तहत नमो ड्रोन दीदी योजना का शुभारंभ किया केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 201 ड्रोन वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के सहयोग से 16 जिलों में 201 महिला स्वयं सहायता समूहों का चयन किया गया है। चयनित ड्रोन दीदियों को इसके संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के पास पारंपरिक नेपसेक स्प्रेयर, हैंड रॉकिंग स्प्रेयर आदि छिड़काव और भुरकाव यंत्र उपलब्ध है। वर्तमान में अति आधुनिक एवं स्वचालित छिड़काव यंत्र ड्रोन का प्रयोग प्रायोगिक तौर पर कृषि विज्ञान केंद्र व अन्य कृषि संस्थान द्वारा किया जा रहा है। ड्रोन के उपयोग से कीटनाशक की कम मात्रा के साथ किसानों की आय बढ़ेगी। ड्रोन की मदद से कम समय में ज्यादा क्षेत्र में कीट, रोग, खरपतवार पर नियंत्रण करना संभव है।