इस वर्ष होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा। होली के त्योहार से होलाष्टक लग जाता जाता है। यह होली के 8 दिन पहले यानी 17 मार्च से शुरू होगा। होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। इसकी पहले यानी 14 मार्च को सूर्य मीन राशि प्रवेश करने वाले इसके साथ खर मास लग रहा है। इसलिए 14 मार्च 13 अप्रैल तक शुभ दिन नहीं है ऐसे भी पूरे महीने शुभ कार्यों की मनाही रहेगी।
यहां जानते हैं कि खरमास और होलाष्टक में क्या-क्या करना वर्जित रहेगा।
मग्ङ्गलिक कार्यो की रोक
होलाष्टक और खरमास के समय मांगलिक कार्य वर्जित में रहते हैं। इस समय को सूतक काल माना जाता हैं इस समय ग्रह उग्र रहते है। इसलिए मांगलिक कार्य नहीं करे जाते। 14 मार्च 13 अप्रैल तक विवाह , मुंडन ,नामकरण कणर्वेध संस्कार के साथ बेटी और बहन की विदाई नहीं की जाती। यह सभी संस्कार मांगलिक और शुभ कार्य माने जाते हैं। उन्हें खरमास मैं नहीं किया जाता है।
अप्रैल माह में गृह प्रवेश और मुंडन संस्कार के लिए कोई शुभ तिथि नहीं है
इसकी साथ ही खरमास और होलाष्टक के समय में दूकान या कारोबार शुरू करने से बचना चाहिए। खरमास और होलाष्टक के समय खरीदारी करना शुभ नहीं माना जाता। विशेष तौर पर सोना या चांदी जैसी बहुमूल्य धातु की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इस समय में हवन और यज्ञ करने की मनाही होती है। अप्रैल महीने की 13 तारीख को खरमास समाप्त होगा। इसके बाद 17 अप्रैल से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। अप्रैल के माह में 18,19,20,21, 22, 23, 24, 25 और 26 को शुभ दिन है और इस विवाह किया जा सकता हैं। लेकिन अप्रैल माह में गृह प्रवेश और मुंडन संस्कार के लिए कोई शुभ तिथि नहीं है।