मोदी सरकार के लखपति दीदी योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत महिलाओं को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। लोन की राशि एक लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक हो सकती है। सरकार महिलाओं के बीच आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय स्वतंत्रता बनाने और स्थापित करने का प्रयास कर रही है। इस योजना का लाभ उठाने की एकमात्र शर्त ये है की महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य है। पिछले साल लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतिम बजट 2024 पेश करते हुए लखपति दीदी योजना का उल्लेख किया था। हाल ही प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से अपने भाषण में इस योजना का उल्लेख किया है।
पिछले साल योजना के तहत महिला लाभार्थियों की संख्या 2 करोड़ के लक्ष्य रखा गया
पिछले साल योजना के तहत महिला लाभार्थियों की संख्या 2 करोड़ के लक्ष्य रखा गया। लेकिन इस साल के अंतिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण्य ने इस संख्या को बढ़कर 2 करोड़ से बढ़कर 3 करोड़ करने की घोषणा की है। चूँकि महिला या परिवार की कुल आय को लाखों रुपए तक बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इसलिए इसका नाम लखपति दीदी योजना रखा गया है।
स्वयं सहायता समूह क्या है ?
मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की chote समूह पैसे बचाने और एक दूसरे को उधार देने के लिए साथ आते हैं। दिसंबर 2030 में जारी दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए डाउन टू अर्थ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 10 करोड़ महिला सदस्यों के साथ 9 मिलियन SHG है। इसकी शुरुआत 1970 के दशक में कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में हुई थी।
महिलाओ की तरक्की के लिए सरकर दे रही है उन्हें 5 लाख रूपये ,यहां जाने इस योजना की पूरी जानकारी
लखपति दीदी योजना के तहत कम से कम चार कृषि मशीनों या व्यावसायिक चक्र के लिए सालाना एक लाख आय की गणना की जाती है। और उन लोगों के लिए जिनकी औसत मासिक आय ₹10000 से अधिक है ये गणना है आय की निश्चितता को ध्यान में रखते हुए की गई है। यह योजना राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही है। इस योजना के तहत व्यापार प्रशिक्षण प्रदान करना ,बाजार में समान पहुंचना , आवश्यक कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करना संभव है। अधिक जानकारी के लिए आप इसकी वेबसाइट पर विजिट कर सकते है।