मनरेगा में खोदे जाने वाले तालाबों से किसानो की मिल रहा है बिजनेस ,लचलि पालन करके कर रहे है कमाई ,साथ में पानी की कमी से भी राहत

Saroj kanwar
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किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की सरकारी योजना चलाई जा रही है। इसके अलावा बेरोजगारों के लिए भी कई योजनाएं काम कर रही है जिसमे हम आज हम बात करेंगे मनरेगा योजना की जिससे ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिल रहा है और किसान पशुपालको को भी यह फायदा हो रहा है और इस खेती के साथ अन्य व्यवसाय करके अपने आमदनी बनाने का मौका मिलता रहा है ।

मनरेगा योजना के अंतर्गत खेत तालाब बनाए जा रहे हैं। पशु शेड का निर्माण किया जा रहा है। जिससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। तालाब के जरिए कई तरह के व्यवसाय शुरू कर रहे हैं।

2 साल में 13245 के तालाब बने

बीते 2 सालों में कई लोगों को पानी की सुविधा मिली है। तालाब के जरिए कमाई का एक नया जरिया भी मिला जी हां आपको बता दे ,महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लोगों ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार रहा है जिसमें 2 साल में करीब 13245 के तालाब बनाए गए हैं। यह व्यक्तिगत लाभार्थियों की संख्या बताई जा रही है जिसमें 2023-24 में 5509 और 2024-25 में 7736 तालाब बनाए गए हैं । खेत तालाब के निर्माण होने से उनमे मछली पालन भी किया जा सकता है।

अगर किसान चाहे तो सिंघाड़ा की खेती भी कर सकता है। इतना ही नहीं खेत तालाब बनाने से जल संरक्षण होता है। गर्मियों में पानी की दिक्कत नहीं आती। पशुपालकों में पानी की सुविधा होती है।

सब्सिडी पर बनाए जाते हैं खेत तालाब

अगर ग्रामीण क्षेत्र के निवासी है और पानी की समस्या आ रही है तो आपको बता दे की खेत तालाब सब्सिडी बनाए जाते हैं। जिससे लागत कम हो जाती है। इतना ही नहीं खेत तालाब के आसपास से मुफ्त में वृक्षारोपण इसके अलावा बैंकिंग सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं। बोरिंग मत्स्य पालन की सुविधा भी मिल रही है सिंचाई तो आसानी हो ही जाएगी । पानी की ओर सुविधा नहीं मिलेगी।

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