किसान भाई आज के समय मधुमक्खी पालन बिजनेस करके लाखों कमाई कर रहे है और सबसे बड़ी बात है किसान भाई बिजनेस को करते हैं तो उसके आसपास के खेतों में भी पैदावार बढ़ जाती है। क्योंकि मधुमक्खी के खेतों में जाकर के फूलों से पराग को इधर से उधर करती रहती है जिससे फसलों में लाभ मिलता है। अगर आप मधुमक्खी पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को आखिर तकपढ़नाहोगा क्योंकि इसमें हमने आपके लिए मधुमक्खी पालन के बारे में पूरी जानकारी विस्तार के साथ में बताई है।
मधुमक्खी पालन के लिए मधुमक्खी की प्रजातियां कौन कौन सी होती है?
मधुमक्खी पालन के भारत की कई राज्यों में होता है आपको बता दे की तापमान का सही होना जरूरी है क्योंकि अधिक सर्दी या फिर अधिक गर्मी मेंमधुमक्खी जीवित नहीं रह पाती है। भारत में बहुत से ऐसे राज्य है जहां पर तापमान एक समान रहता। है लेकिन बहुत से राज्यों में ऐसा भी होता है। सर्दियों में तापमान बहुत अधिक निचे चला जाता है तो गर्मियों में तापमान बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए इन राज्यों में एक सीजन होता है जिसमें पालन किया जाता है।
दुनिया में मधुमक्खी की लगभग 20000 प्रजाति पाई जाती लेकिन इसमें कुल 7 प्रजाति पायी जाती है जो शहद निर्माण करती है। सबसे ज्यादा मधुमक्खी का पालन किया जाता है वो एपिस मेलिफेरा है जो मधुमक्खी के पालन के बिजनेस में आपको सबसे ज्यादा देखने को मिलेगी। इस प्रजाति को पश्चिम में मधुमक्खी ने नाम से भी जाना जाता है और ये आपको सबसे ज्यादा यूरोप के साथ साथ एशिया तथा अमेरिका में मिलेगी।
मधुमक्खी का सबसे ज्यादा पालन किया जाता है
भारत में भी एपीस मेलीफेरा मधुमक्खी का सबसे ज्यादा पालन किया जाता है। इसके अलावा एपिस फ्लोरी, एपिस डोरसाटा, एपिस सेराना और एपिस इण्डिका प्रजाति की मक्खियों का पालन भी भारत में किया जाता है। मधुमक्खी की प्रजाति का चुनाव कई बातों को ध्यान में रखकर किया जाता है। इनमें सबसे पहले ही देखा जाता है कि जिसमें मधुमक्खी का पालन हम कर रहे हैं वह शहर कितना देने वाली है। इसके साथ यह जानना भी जरूरी होती है कि जलवायु के अनुसार कितनी संवेदनशील है ।
मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त तापमान क्या होता है?
मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त तापमान 18 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। इस तापमान के अंतराल में मधुमक्खियां अपने सामान्य कार्यों को सुचारू रूप से कर पाती हैं। यदि तापमान इस अंतराल से कम या अधिक हो जाता है, तो मधुमक्खियों के स्वास्थ्य और उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके साथ ही मधुमक्खी पालन में छत्ते के अंदर का तापमान सुचारु रूप से बनाये रखने के लिए मधुमक्खी के छत्तों को छांया में रखा जाता है और कभी कभी पानी का छिड़काव भी किया जाता है।
मधुमक्खी पालन में ध्यान रखने वाली बातें कौन कौन सी है?
मधुमक्खी पालन में सबसे पहले तो आपको इसके लिए प्रशिक्षण लेना बहुत जरुरी होता है क्योंकि बिना जानकारी के आप किसी भी बिज़नेस में सफलता हासिल नहीं कर सकते। इसके अलावा आपको मधुमक्खी की प्रजाति के चुनाव के समय भी ये ध्यान रखना है की आपके क्षेत्र की जलवारु और मौसम कैसा रहता है।
इसके अलावा मधुमक्खी पालन आप जिस भी जगह पर कर रहे है वहां उनके लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी है या नहीं। मधुमक्खी के छत्तों की साफ सफाई समय समय पर करनी होती है और उनके छत्तों को मौसम के अनुसार अंदर या फिर बाहर रखना होता है।