क्या आप भी खाते है खड़े होकर खाना पढ़ ले ये खबर ,हो सकते है इस लाइलाज बीमारी के शिकार

Saroj kanwar
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खड़े होकर भोजन करने से पेट और आंतों के कैंसर की बात आशंका बढ़ती है साथ ही खाने की नली से संबंधित बीमारियों होने की आशंका भी बढ़ती है। इसके अलावा अन्य अनियमित जीवन शैली और अधिक फास्ट फूड खाने से भी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। लखनऊ स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में रेडियो थैरेपी विभाग के दूसरा स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ,पीजीआई ,चंडीगढ़ ,रेडियो थेरपी विभाग के अध्यक्ष डॉ राकेश कपूर ने बताया कि कैंसर जैसे गंभीर रोग से बचाव के लिए खान-पान और व्यायाम करना बेहद जरूरी है।

एसिड ऊपर की तरह दबाव बनाता है

डॉक्टर कपूर ने ये भी बताया की खड़े होकर खाना खाने से , पानी पीने से भोजन सीधे पेट में चला जाता है। इससे आंतो को खाना पचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इस वजह से पेट में बनने वाला एसिड ऊपर की तरह दबाव बनाता है जिसे खाने की नली की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। यहां की मांसपेशियों को क्षति पहुंचाने की वजह से खाने की नली में कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाहर का खाना खाने से परहेज करना चाहिए।

कैंसर की प्रति जागरूकता बढ़ी है

कैंसर संस्थान में रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर शरद सिंह ने बताया कि लोगों में कैंसर की प्रति जागरूकता बढ़ी है इसलिए कैंसर के मरीज तेजी से सामने आ रहे हैं। लेकिन इसके अलावा कई aऐसे फेक्टर्स भी है जिनकी वजह से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है उनमें से शादी से देरी और धूम्रपान करना भी शामिल है।

आजकल करियर आदि की वजह से लोग देर से शादी करते हैं साथ ही शिशु को स्तनपान करवाना भी कम गया है। इन वजह से भी कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावा धूम्रपान और पान मसाला खाने से भी कैंसर का जोखिम बढ़ता है।

छोटे ट्यूमर को खत्म करने में मदद मिलेगी

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने कहा कि ,कैंसर के इलाज में नहीं तकनीक फ्लैश कारगर होगी। इससे छोटे ट्यूमर को खत्म करने में मदद मिलेगी। इससे एक बार में ही ट्यूमर को नष्ट किया जा सकेगा। मौजूद तकनीकी में मरीज को दो से सवा तीन माह तक रेडियो थेरेपी दी जाती है अभी इस तकनीक का ट्रायल चल रहा है।

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