क्या सच में भेड़िये में पूर्णिमा के चाँद को देखकर रोते है ,यहां जाने भेड़ियो को झुण्ड में चलने का कारण

Saroj kanwar
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शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि जंगल में एक ऐसा जानवर भी रहता है जिसका सामना करने से शेर भी घबरा जाते हैं वह जानवर है भेड़िया। जीव वैज्ञानिकों में भेड़िये झुंड में चलते हैं और अगर झुंड के किसी साथी पर कोई जानवर हमला कर दे तो मर मिटने के लिए तैयार रहते हैं। यही कारण है कि शेर जैसे खूंखार जानवर भी भेड़िए का शिकार करने से बचते हैं। आखिर भेड़िया झुंड में ही क्यों चलता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक , इसके पीछे उनकी बॉन्डिंग जिम्मेदार है। भेड़ियो के आपस में बहुत तगड़ी बॉन्डिंग होती है और एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते हैं। परिवार का सबसे बुजुर्ग सदस्य या मुखिया प्रत्येक सदस्य का ख्याल रखता है और उन्हें हमेशा साथ लेकर चलते हैं। भेड़िया अपने झुंड से बिछड़ना कतई पसंद नहीं करते।

झुंड में साथ 7-12 सदस्य होते हैं कुछ झुंड में 20 से 30 भेड़िये भी हो सकते हैं। भेड़िए बहुत अनुशाषित जानवर होते हैं और झुंड के मुखिया की हर बात मानते हैं। जब झुंड में चलते हैं तब भी भेड़िये अनुशासित रहते हैं। अक्सर लड़ाई या वॉर मूवीज की वूल्फ पैक फॉर्मेशन’ टर्म यूज यह भेड़ियो के झुंड से ही आया है। भेड़िया जब झुंड में चलते हैं तो सबसे पहले आगे तीन बूढ़े और बीमार होते हैं जो पूरे झुंड को गति देते हैं। घात की स्थिति में अपनी कुर्बानी भी दे देते हैं।

इसके बाद की पंक्ति में झुंड के पांच सबसे मजबूत सदस्य रहते हैं । सेंटर के झुण्ड में बाकी सदस्य। सबसे आखिर में झुंड का नेता चलता है जो अल्फा मेल होता है। वह सबसे पीछे रहकर सब कुछ नियंत्रित करता है। पीछे से सब कुछ देख सकता है ,दिशा तय कर सकता है।

भेड़िये चीखते क्यों है

आपने अक्सर भेड़ियो को चीखते सुना होगा। ब्रिटानिका के मुताबिक ,भेड़ियो के चीखने चिल्लाने की वजह खास है। जब कोई भेड़िया अपने झुंड से भी छूट जाता हैतो चीख कर आवाज निकाल करउनसे संवाद करने की कोशिश करता है । दूसरा कोई प्रतिद्विंदी झुण्ड उनके क्षेत्र में दखल देने का प्रयास करते हैं तो भेड़िये चीख कर अपना विरोध जताते हैं। एक न्यूज़ के मुताबिक ,भेड़ियो को चीखने की एक और वजह है जब कोई खतरनाक जानवर उनके इलाके में घुसने लगता है तो या भेड़िये का कोई शिकार दिखाई देता है तो वह चीख कर अपने झुंड के दूसरे साथियों को सावधान करते हैं। इसके अलावा मादा भेड़िया मेटिंग के लिए आवाज निकालते है।

भेड़िये की आवाज इतनी तेज होती है कि 6 से 7 मील तक दूर सुना जा सकता है। इस आवाज के जरिए अपने झुंड से पिछड़ कोई भेड़िया आसानी से वापस साथियो तक पहुंच सकता है।

पूर्णिमा की रात रोता है भेड़िया

तमाम फिल्म और सीरियल वगैरह में वीडियो को पूर्णिमा की रात चांद की तरफ मुँह करके रोते हुए दिखाया जाता है। लेकिन यह मिथ्या है। इस बारे में कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। नेशनल जू के मुताबिक ,पूर्णिमा की रात भेड़ियो के रोने वाली बात में सच्चाई नहीं है इस बात का कोई अच्छा तथ्यात्मक सबूत भी नहीं है की पूर्णिमा की रात को अचानक भेड़ियो के व्यवहार में बदल जाते हैं।

हां या सच है कि भेड़ियों की चिल्लाने की आवाज अक्सर रात को ही सुनी जाती है। इसकी वजह यह है की भेड़िये रात्रिचर प्राणी है और रात में ही अपने शिकार के लिए निकलते हैं। भेड़ियो के रोने और चीखने को लेकर कई मान्यताएं भी है। मसलन अमेरिका और यूरोप की कई देशों में भेड़ियो की रोने या चिल्लाने काअशुभ माना जाता है । माना जाता है की अगर रात को भेड़िया जोर-जोर से चीख रहे हैं तो यह किसी अनहोनी का संकेत हो सकता है।

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