बिहार में जमीन सर्वे को लेकर बढ़ी डेट ,अब 2026 तक होगा जमीनों का सर्वे ,यहां जाने इस खबर की पूरी जानकारी

Saroj kanwar
3 Min Read

बिहार सरकार ने राज्य में भूमि सर्वेक्षण की समय सीमाओं 1 साल से बढ़ाकर जुलाई 2026 कर दिया।यह निर्णय राज्य के लोगों को राहत देने और भूमि विवादों को समाप्त करने की उद्देश्य से लिया गया है। इस सर्वे के माध्यम सरकार का लक्ष्य है की हर भूमि मलिक को उनकी जमीन की सही रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाए साथ ही प्रक्रिया भूमि विवादों को कम करना डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने में मदद करेगा। यहां जानते है सर्वेक्षण से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।

बिहार में भूमि का मुख्य उद्देश्य और महत्व

बिहार में भूमि सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य डिजिटल भूमि रिकॉर्ड तैयार करना है। इससे न केवल भूमि विवाद कम होंगे बल्कि सरकारी योजना के लिए आवश्यक जमीन की उपलब्धि भी सुनिश्चित होगी।

बिहार लैंड सर्वै सर्वे के लिए नई टाइमलाइन

राज्य सरकार ने सर्वेक्षण की समय सिमा बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया ताकि कि लोगों को अपने दस्तावेज तैयार करने और प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

पहली समय सीमा -जुलाई 2025
नई समय सीमा -जुलाई 2026
शुरुआत -अगस्त 2024 में

यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछला व्यापक जमीन सर्वेक्षण लगभग 70 साल पहले हुआ था।

जमीन सर्वेक्षण में प्रक्रिया

बिहार में चल रहे इस भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जा रही है। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

गांव फील्ड सर्वे
हर गांव में जमीन की माप और निरीक्षण किया जा रहा है ।

मौजूद रिकॉर्ड का डिजिटल करण

पुराने कागजात और नक्शो को डिजिटल रूप दिया जा रहा है।

नए नक्शे तैयार करना

जमीन के नए नक्शे बनाए जा रहे हैं।

दस्तावेज एकत्र करना
भूमि मालिकों से उनके स्वामित्व से जुड़े दस्तावेज लिएजा रहे है।

विवादों का निपटारा

जमीन से जुड़े विवादों को सुलझाने की प्रक्रिया चल रही है।

अंतिम रिकॉर्ड तैयार करना
सभी जानकारी की टक्कर के अंतिम डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।

नई डेडलाइन से क्या फायदे होंगे

सरकार द्वारा समय सीमा बढ़ाई जाने से निम्नलिखित लाभ होने की उम्मीद है।

लोगों को अपना दस्तावेज उठाने के लिए अधिक समय मिलेगा।
सर्वे टीम पर काम का दबाव कम होगा।
काम की गुणवत्ता बेहतर होगी।
विवादों की निपटारे के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
तकनीकी समस्याओं को दूर करने का अवसर मिलेगा।
बिहार सरकार द्वारा उठाए गए कदम
बिहार सरकार ने इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं:

प्रत्येक प्रमंडल के लिए अलग-अलग सर्वर का प्रावधान किया गया है।
अंचल स्तर पर विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, जहां लोग अपने दस्तावेज़ जमा कर सकते हैं।
सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *