Chhath Vrat Ke Niyam: अगर आप भी कर रहे हैं छठ पूजा, तो जान लें ये नियम

Saroj kanwar
3 Min Read

सूर्य के प्रति आस्था का महापर्व छठ पूजा बुधवार से शुरू हो गया। आज खरना है। व्रती नहाय खाय के साथ अपना व्रत शुरू करते हैं। बिहार समेत देश के कई शहरों में छठ पूजा मनाई जाती है। यह व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन माना जाता है। क्योंकि 36 घंटे तक बिना पानी के रहना होता है। छठ पूजा व्रत के नियम में सभी व्रत से अलग है।

अगर आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं तो आपको इसके नियम जान लेने चाहिए। नियमित रूप से व्रत ना रखने से छठी मैया और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है और व्रत भी निष्फल हो जाता है। छठ पूजा व्रत संतान प्राप्ति उनकी सुरक्षा और सफल जीवन के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि राजा सगर ने सूर्य षष्ठी का व्रत ठीक से नहीं किया था जिसके कारण उनके 60000 पुत्रों की मृत्यु हो गई थी । इसके लिए जानते हैं व्रत के नियमों के बारे में।

छठ पूजा व्रत के नियम

चार दिवसीय छठ पूजा रखने वाले व्यक्ति को पलंग या खत पर सोने की मनाही होती है। वह जमीन पर चटाई बिछाकर सो सकता है और कंबल आदि का उपयोग कर सकता है।

व्रती को चारों दिन नए और साफ सफाई कपड़े पहनने होते हैं। इसमें भी इस बात का ध्यान रखा जाता है कि कपड़े सिले हुए ना हो। महिलाएं साड़ी पहनती है और पुरुष धोती। हालाँकि आजकल लोग कोई भी कपड़ा पहन लेते हैं।
व्रती को मांस ,मंदिरा ,झूठा ,काम ,क्रोध ,लोभ ,धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आप छठ पूजा का व्रत करते हैं तो परिवार के सभी सदस्यों का तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए।
इन चार दिनों में केवल सात्विक भोजन करें छठ पूजा की व्रत की बस की टोकरी का उपयोग किया जाता है। शाम और सुबह जब सूर्य देव की पूजा की जाती है टोकरी में पूजा सामग्री रखकर उन्हें अध्र्य दिया जाता है।
छठ पूजा में छठी मैया और भगवान भास्कर को ठेकुआ और कसार (चावल के आटे के लड्डू) का भोग लगाना चाहिए।
छठी मैया की पूजा का व्रत साफ-सफाई का होता है। पहले दिन घर और पूजा स्थल की सफाई की जाती है। घाटों की भी सफाई की जाती है।
छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गन्ने का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें पत्तों वाला गन्ना इस्तेमाल किया जाता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *