प्रतिवर्ष भाद्रपद्र माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा रखने का विधान है। हरतालिका तीज पर पूजा के दौरान मां पार्वती का श्रृंगार करना ही बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में जानते हैं मां पार्वती श्रृंगार विधि।
हरतालिका तीज शुभ महूर्त
हारतालिक भाद्रपद्र की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 5 सितंबर को दोपहर 12:21 पर होगा। वही स्थिति का समापन 6 दिसंबर को दोपहर 3:11 पर होने जा रहा है।
ऐसे में उदय तिथि के अनुसार , हरतालिका तीज का व्रत शुक्रवार 6 सितंबर 2024 के दिन किया जाएगा। हरतालिका तीज की पूजा की समय सुबह करना उचित माना जाता है। ऐसे में पूजा का शुभमहूर्त इस प्रकार से है।
हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त सुबह 6:02 से सुबह 8:33 तक है ।
16 श्रृंगार की सामग्री
सिंदूर ,काजल ,कुमकुम ,बिंदी , लाल चुनरी ,नथ ,कान की बाली, पायल ,बिछिया ,मेहंदी ,महावर ,फूलों का गजरा, कंघा , गले का हार , इत्र।
16 श्रृंगार करें
हटालिका तीज पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निर्मित होने के बाद हरे रंग के वस्त्र धारण करें। अब शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाए इसके द्वारा खुद के द्वारा बनाई गई माता पार्वती भगवान शिव और गणेश जी की मूर्ति की मूर्ति स्थापना करे। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें इसके बाद गौरी शंकर विधि विधान से पूजा करें । पूजा के दौरान माता पार्वती को पूरा 16 श्रृंगार करें और सबसे पहले सिंदूर , इसके बाद माता को काजल लगाना चाहिए। माता को चूड़ियां चढ़ाये और इसी के साथ माता पार्वती को लाल चुनरी उढ़ाये अब माता पार्वती की महावर लगाए। अन्य सामग्री जैसे चूड़ी ,बिछिया ,मेहँदी अर्पित कर दे।